लेखपाल गैंग का राजफाश: महिला को फंसाकर 1760 वर्ग गज जमीन का फर्जी बैनामा

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 लेखपाल गैंग का राजफाश: महिला को फंसाकर 1760 वर्ग गज जमीन का फर्जी बैनामा
लेखपाल गैंगफर्जीवाड़ाजमीन का बैनामा
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बरेली में लेखपाल सावन कुमार और उसके साथियों का एक गैंग जमीन के फर्जी बैनामे में शामिल था। गैंग ने महिला रेनू को फंसाकर 1760 वर्ग गज जमीन के आठ फर्जी बैनामे कराए। पुलिस ने रेनू, लेखपाल सावन कुमार, अमित राठौर और दीपक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अभी भी फाइनेंसर विजय अग्रवाल की तलाश कर रही है।

जागरण संवाददाता, बरेली। लेखपाल गैंग किस हद तक फर्जीवाड़ा करते थे। इसके राज धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। गैंग में शामिल महिला रेनू को जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर उससे पूछताछ शुरू की तो कई तथ्य चौंकाने वाले सामने आए। जिस महिला के सिर पर छत नहीं थी, उस महिला को गैंग के सदस्यों ने फंसाकर 1760 वर्ग गज जमीन के आठ फर्जी बैनामे गिरोह के सदस्यों के नाम कर लिए। इस गैंग का मास्टरमाइंड लेखपाल सावन कुमार और विजय अग्रवाल ने योजनाबद्ध तरीके से इस जमीन के सभी आठ बैनामे विजय कुमार अग्रवाल के नाम ही करने की

तैयारी कर ली थी। विजय अपने नाम पर सबकी रजिस्ट्री कराता इससे पहले ही गिरोह का राजफाश हो गया। शनिवार को पुलिस ने गैंग में शामिल महिला को भी जेल भेज दिया। रेनू ने खाेले दबे राज पुलिस की पूछताछ में पीलीभीत गोछ गांव निवासी रेनू ने कई दबे हुए राज खोल दिए। रेनू ने बताया कि लेखपाल गैंग के धोखेबाजों से उसकी मुलाकात 16 अक्टूबर को हुई। 18 अक्टूबर को उसका आधार कार्ड बनवाया गया। पीलीभीत के आधार कार्ड पर उसका नवाबगंज के बसीनगर का पता दर्ज करा दिया। जिससे वह महिला बरेली की प्रदर्शित हो। इसके बाद 19 अक्टूबर को सेटेलाइट स्थिति जमीन की फर्जी बसियत बनाई गई। 21 अक्टूबर को रेनू के नाम से एक बैंक में खाता खुलवाया गया। 24 अक्टूबर को रेनू के नाम से 1760 वर्ग गज के प्लाट के बैनामे कराने का सिलसिला शुरू हुआ। 24 अक्टूबर के सबसे पहले जमीन चार बैनामे होते हैं। इसके बाद 25 दिसंबर को एक, 28 दिसंबर को दो और फिर 30 दिसंबर को दो बैनामे गैंग के सदस्यों के नाम ही कराए जाते हैं। यह सभी बैनामे 37-37 लाख रुपये के कराए गए। इन सभी आठ बैनामों में से अमित के नाम पर चार, चंदन खान के नाम पर तीन और अंकिश त्रिपाठी के नाम पर एक बैनामा कराया गया। इतना ही नहीं, जिस बैनामे हुए उस दिन रेनू के खाते में पांच-पांच लाख रुपए के ट्रांजेक्शन किए गए। इसके बदले में रेनू को कुल केवल 15 हजार रुपये ही दिए गए। जमीन के बैनामों की कीमत देखें को करीब तीन करोड़ रुपये थी। बरेली के एसएसपी हैं अनुराग आर्य। फाइनेंसरों में आ रहा विजय का नाम, फोन बंद कर फरार लेखपाल गैंग के सदस्यों ने जिस दिन रेनू का खाता खुलवाया। उसी दिन अमित ने भी उसी बैंक में अपना भी खाता खुलावाया। पहले अमित के खाते में पूरी रकम कैश डाली जाती थी। इसके बाद उसी रकम को रेनू के खाते में ट्रांसफर किया जाता। अमित के खाते में यह रकम कहां से आती थी? इस बारे में कोई सुराग नहीं। पुलिस को शक है कि इसके पीछे कुछ बड़े फाइनेंसर हो सकते हैं जो जमीन को अंत में अपने नाम कराते थे। इन्हीं फाइनेंसरों में विजय अग्रवाल का भी नाम सामने आ रहा है। पुलिस अब विजय की तलाश में लगी है। उसके नाम से भी कुछ जमीनों के बैनामे मिले हैं। बताया जा रहा है कि विजय अग्रवाल अपना फोन बंद कर फरार हो गया है। विजय अग्रवाल के साथ उसका मैनेजर भी नटवरलाल, उसके कई नाम बारादरी के आकाशपुरम निवासी मोहम्मद इलियास ने तीन जनवरी 2025 को शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके प्लाट का फर्जी बैनामा कर लेखपाल सावन कुमार और उसके साथियों ने कब्जा कर लिया। इलियास ने बताया कि उन्होंने प्लाट का बैनामा करवाकर जरूरी दस्तावेज, बीडीए अप्रूवल, जीएसटी पंजीकरण और बिजली कनेक्शन तक ले रखा था। इसके बावजूद, 25 अक्टूबर 2024 को सावन कुमार ने अपने सहयोगियों अमित कुमार, चंदन खां, अंकित त्रिपाठी और रेनू के साथ मिलकर प्लाट पर जबरन कब्जा कर लिया। पुलिस की अभी तक की जांच में सामने आया है कि अंकिश त्रिपाठी के कई नाम सामने आए हैं। अंकिश, अंकित और अंकेश तीनों उसी के नाम हैं। आशंका जताई जा रही है कि इसके अन्य नाम भी सामने आ सकते हैं। लेखपाल और अमित ही बने थे जमीन के मालिक पूछताछ में रेनू ने बताया कि गिरफ्तार होने वाला दीपक उसका भांजा है। दीपक की बातों में आकर ही उसने लेखपाल सावन जायसवाल और उसके साथियों से मुलाकात की। रेनू ने बताया कि उसकी पहली शादी नवाबगंज के इंद्रपाल से हुई थी। पति की मृत्यु के बाद उसने दूसरी शादी महेंद्र नाथ से की। पहले पति का भांजा दीपक उर्फ सूरज ने महिला को मिलवाया था। जब भी जरूरत होती थी तो लेखपाल गैंग के लोग पीलीभीत से उसे गाड़ी भेजकर बुलाते थे। जब सेटेलाइट स्थित जमीन का बैनामा कराना था तो आरोपितों ने रेनू को एक होटल में बुलाकर बताया कि इस जमीन के मालिक जमीन को टुकड़ों में बेचना चाहते हैं। क्योंकि टुकड़ों में बेचेंगे तो टैक्स से बच जाएंगे। इन्हीं बातों में आकर उन्होंने कागजों पर हस्ताक्षर कर दिए। गिरफ्तारी के बाद रेनू को गायब करने की थी तैयारी पुलिस ने जब लेखपाल सावन कुमार, अमित राठौर और दीपक को गिरफ्तार किया तो फिर से किसी ने रेनू को फोन किया। बरेली आने की बात कहकर फिर से कार भेजी और जंक्शन स्थित एक होटल में ठहरवाया। महिला ने पुलिस को बताया कि उसे गायब करने की तैयारी चल रही थी। होटल में ही उसे बंधक बना लिया गया था। किसी तरह से रेनू ने उन लोगों से पीछा छुड़ाया और वहां से भाग गई। वहीं, दूसरी ओर महिला की तलाश जुटी एसआइटी ने उसे गिरफ्तार कर लिया है

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