महामारी ने वह करा दिया, जो पहले कभी न हुआ WHO DrHVoffice drharshvardhan AyushmanNHA ICMRDELHI MoHFW_INDIA CoronaVirusUpdates CoronavirusLockdown Covid_19india COVID19Pandemic StayHomeIndia IndiaBattlesCoronavirus
संख्या बढ़ने पर ही सरकार सक्रिय हुई। नतीजे में 40 दिन के सख्त लॉकडाउन में भारत ने वह सब कर दिया, जो पहले कभी नहीं देखा गया। इस दौरान हमने कई ऐसे शब्द और उनके अर्थ को भी समझा, जिनमें से ज्यादातर न पहले हमने सुने थे, न ही इनका मतलब पता था।लंबे समय से ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं खरीदे गए, न ही अस्पतालों में औद्योगिक सिलिंडरों का इस्तेमाल हुआ। अब 1.02 लाख नए सिलिंडर पहली बार खरीदे जा रहे
एन-95/एन-90 मास्क के अलावा हर साल करीब 50 से 70 हजार तक पीपीई आयात होती थीं। अब हर दिन डेढ़ लाख पीपीई और 2.30 लाख मास्क बन रहे कोरोना से पहले देश में हर माह 5 हजार वेंटिलेटर बनते थे, लेकिन एक माह में 9 हजार वेंटिलेटर का निर्माण हुआ40 दिन में 1741 केयर सेंटर, 1297 कोविड स्वास्थ्य केंद्र और 738 अस्पताल तैयारहॉटस्पॉट कंटेनमेंट जोन संख्या बढ़ने पर ही सरकार सक्रिय हुई। नतीजे में 40 दिन के सख्त लॉकडाउन में भारत ने वह सब कर दिया, जो पहले कभी नहीं देखा गया। इस दौरान हमने कई ऐसे शब्द और उनके अर्थ को भी समझा, जिनमें से ज्यादातर न पहले हमने सुने थे, न ही इनका मतलब पता था।लंबे समय से ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं खरीदे गए, न ही अस्पतालों...
एन-95/एन-90 मास्क के अलावा हर साल करीब 50 से 70 हजार तक पीपीई आयात होती थीं। अब हर दिन डेढ़ लाख पीपीई और 2.30 लाख मास्क बन रहे कोरोना से पहले देश में हर माह 5 हजार वेंटिलेटर बनते थे, लेकिन एक माह में 9 हजार वेंटिलेटर का निर्माण हुआ40 दिन में 1741 केयर सेंटर, 1297 कोविड स्वास्थ्य केंद्र और 738 अस्पताल तैयारहॉटस्पॉट कंटेनमेंट जोनरेड, ऑरेंज, ग्रीन जोन
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