लॉकडाउन: राम माधव के अनुसार 90 फ़ीसदी प्रवासी मज़दूर अपने काम की जगह पर टिके हैं

इंडिया समाचार समाचार

लॉकडाउन: राम माधव के अनुसार 90 फ़ीसदी प्रवासी मज़दूर अपने काम की जगह पर टिके हैं
इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें
  • 📰 BBC News Hindi
  • ⏱ Reading Time:
  • 83 sec. here
  • 3 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 37%
  • Publisher: 51%

भारतीय जनता पार्टी के महासचिव राम माधव ने प्रवासी मज़दूर से लेकर भारत और चीन सीमा विवाद तक क्या-क्या कहा, पढ़िए.

सबसे ज्यादा पूछे जाने वालेकोरोना वायरस एक संक्रामक बीमारी है जिसका पता दिसंबर 2019 में चीन में चला. इसका संक्षिप्त नाम कोविड-19 है

लेकिन, कुछ उम्रदराज़ लोगों और पहले से ह्दय रोग, डायबिटीज़ या कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ रहे लोगों में इससे गंभीर रूप से बीमार होने का ख़तरा रहता है.सबसे ज्यादा पूछे गए सवालजब लोग एक संक्रमण से उबर जाते हैं तो उनके शरीर में इस बात की समझ पैदा हो जाती है कि अगर उन्हें यह दोबारा हुआ तो इससे कैसे लड़ाई लड़नी है.ऐसा माना जा रहा है कि अगर आप एक बार कोरोना वायरस से रिकवर हो चुके हैं तो आपकी इम्युनिटी बढ़ जाएगी. हालांकि, यह नहीं पता कि यह इम्युनिटी कब तक चलेगी.

अगर वायरस फ़ेफ़ड़ों में ठीक से बैठ गया तो यह सांस लेने में दिक्कत और निमोनिया पैदा कर सकता है. हर सात में से एक शख्स को अस्पताल में इलाज की जरूरत पड़ सकती है.अस्थमा वाले मरीजों के लिए कोरोना वायरस कितना ख़तरनाक है?अस्थमा यूके की सलाह है कि आप अपना रोज़ाना का इनहेलर लेते रहें. इससे कोरोना वायरस समेत किसी भी रेस्पिरेटरी वायरस के चलते होने वाले अस्थमा अटैक से आपको बचने में मदद मिलेगी.

फ़्लू की तरह इस नए वायरस की कोई वैक्सीन नहीं है. इस वजह से उम्रदराज़ लोगों और पहले से बीमारियों के शिकार लोगों के लिए यह ज्यादा बड़ा ख़तरा हो सकता है.बीबीसी न्यूज़पूरी दुनिया में सरकारें मास्क पहनने की सलाह में लगातार संशोधन कर रही हैं. लेकिन, डब्ल्यूएचओ ऐसे लोगों को मास्क पहनने की सलाह दे रहा है जिन्हें कोरोना वायरस के लक्षण दिख रहे हैं या जो कोविड-19 के कनफ़र्म या संदिग्ध लोगों की देखभाल कर रहे हैं.

सेल्फ-आइसोलेशन में रह रहे शख्स को एक हवादार कमरे में रहना चाहिए जिसमें एक खिड़की हो जिसे खोला जा सके. ऐसे शख्स को घर के दूसरे लोगों से दूर रहना चाहिए.मैं पांच महीने की गर्भवती महिला हूं. अगर मैं संक्रमित हो जाती हूं तो मेरे बच्चे पर इसका क्या असर होगा?गर्भवती महिलाओं पर कोविड-19 के असर को समझने के लिए वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं, लेकिन अभी बारे में बेहद सीमित जानकारी मौजूद है.

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

BBC News Hindi /  🏆 18. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- सबके लिए रोटी की व्यवस्था और राम मंदिर का भी निर्माणमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- सबके लिए रोटी की व्यवस्था और राम मंदिर का भी निर्माणकेंद्र की मोदी सरकार के एक वर्ष पूरा होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं जो कि देश की एकता और 135 करोड़ जनता के हित में हैं।
और पढो »

प्रधानमंत्री मोदी सक्षम नेता लेकिन गलतियों को कौन सुधारेगा: शिवसेनाप्रधानमंत्री मोदी सक्षम नेता लेकिन गलतियों को कौन सुधारेगा: शिवसेनाप्रधानमंत्री मोदी सक्षम नेता लेकिन गलतियों को कौन सुधारेगा: शिवसेना Lockdown Covid19 BJP4India shivsena rautsanjay61
और पढो »

कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देशों में से 7 ने टोटल लॉकडाउन किया था, उनमें से सिर्फ भारत में नए मामले बढ़ रहेकोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देशों में से 7 ने टोटल लॉकडाउन किया था, उनमें से सिर्फ भारत में नए मामले बढ़ रहेलॉकडाउन के 2 महीने बाद इटली, फ्रांस और जर्मनी में रोजाना नए मामलों की संख्या लॉकडाउन से पहले की तुलना में कम हुईलॉकडाउन लगाने वाले सबसे ज्यादा प्रभावित 7 देशों में 2 महीने पूरे होने के बाद भारत में ही सबसे ज्यादा मौतें हो रहींअमेरिका और ब्राजील में नेशनल लेवल पर लॉकडाउन नहीं, राज्यों ने अपने-अपने स्तर पर लॉकडाउन लगाए; तुर्की में कभी 2 दिन तो कभी 4 दिन का कर्फ्यू रहा | india's lockdown fail in comparison with italy,france,germany,spain and uk लॉकडाउन के 2 महीने बाद इटली, फ्रांस और जर्मनी में रोजाना नए मामलों की संख्या लॉकडाउन से पहले की तुलना में कम हुई
और पढो »

बैठकर दिन गिन रहे प्रवासी मजदूर, न कोई काम, न धंधा; फिर शहर लौटने की चाहबैठकर दिन गिन रहे प्रवासी मजदूर, न कोई काम, न धंधा; फिर शहर लौटने की चाहलॉकडाउन के चलते अपने घर लौटने के बाद भी प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं क्योंकि बिना काम के अपने घर पर भी गुजारा करना मुश्किल है। यही वजह है कि लॉकडाउन के चलते अपने अपने घरों को लौटे कामगार अब वापस लौटने के दिन गिन रहे हैं।
और पढो »



Render Time: 2025-02-26 01:13:22