समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दस बड़े निवेशकों से बात की और जाना कि वे भारतीय चुनाव से किस तरह के नतीजों की उम्मीद कर रहे हैं.
में है. नतीजों की तारीख यानी 4 जून में ज्यादा वक्त नहीं बचा है और निवेशक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार सत्ता में लौटने का इंतजार कर हैं. लेकिन इस बार विदेशी निवेशकों की उम्मीदें कुछ अलग हैं.
इस साल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का बीएसई सूचकांक चार फीसदी ऊपर है. एक विश्लेषक के मुताबिक यह बढ़त साल के आखिर तक दोगुनी हो सकती है. हालांकि निवेशकों औरपिछले साल विदेशी निवेशकों ने भारत में 20.74 अरब डॉलर का निवेश किया था. एशिया के बाजारों में यह सबसे बड़ा निवेश था. लेकिन चुनाव से पहले काफी धन बाहर निकाल लिया गया था.
मुंबई स्थित आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड के वरिष्ठ फंड मैनेजर मितुल कलवाड़िया ने कहा,"बाजार निरंतरता चाहता है. इसलिए गठबंधन या किसी अन्य पार्टी की जीत की उम्मीद नहीं की जा रही है. अगर ऐसा होता है तो एक औचक प्रतिक्रिया दिखाई दे सकती है.”निवेशकों के मुताबिक मोदी सरकार के तीसरी बार सत्ता में आने से पहले से बनी नीतियां जारी रहेंगी. इनमें वित्त प्रबंधन में सुधार और मुद्रा में स्थिरता शामिल हैं.
लंदन स्थित फेडरेटेड हर्मीज इक्विटी फंड में पोर्टफोलियो मैनेजर विवेक भुतोरिया कहते हैं कि स्पष्ट बहुमत को उद्योगों और निवेशकों के लिए अच्छा माना जाएगा और विदेशी निवेशक आकर्षित होंगे.
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