वनवास काल के दौरान भगवान राम यहां करते थे आराम, माता सीता भी होती थी साथ, देखें तस्वीरें

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वनवास काल के दौरान भगवान राम यहां करते थे आराम, माता सीता भी होती थी साथ, देखें तस्वीरें
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Chitrakoot: धर्म नगरी चित्रकूट प्रभु श्री राम की तपोस्थली रही है. यहां प्रभु श्री राम ने अपने वनवास काल के साढ़े ग्यारह वर्ष बिताए थे और चित्रकूट के राम शैया में ही वह माता सीता के साथ रात्रि में विश्राम किया करते थे. आज भी जिस पत्थर में वो विश्राम किया करते थे उस पर उनके और माता सीता के सोने के चिन्ह मौजूद है. जिसके दर्शन को भक्त यहां आते है....

यह तस्वीर चित्रकूट धाम कर्वी रेलवे स्टेशन से लगभग 15 किलोमीटर दूर रामशैयां के मुख्य द्वार की है. जहा से आप अंदर की प्रवेश कर के वनवास काल के दौरान प्रभु श्री राम और माता सीता के विश्राम करने वाले पत्थर की सिला के दर्शन कर सकते है. इसके दर्शन के लिए हर रोज हजारों श्रद्धालु दूर दूर से यहां आते है. यह तस्वीर रामशैया के अंदर प्रवेश करने की है. जहा से आप सीढ़ी चढ़कर ऊपर ऊंची पहाड़ियों में स्थित उस सिला में बने चिह्न के दर्शन कर सकते है.

यह तस्वीर उस पत्थर के सिला की है जहां आज भी प्रभु श्री राम और माता सीता के विश्राम करने वाले जगह में उनके चिन्ह बने हुए है. जिसमे दोनो चिन्ह के बीचों बीच भगवान अपना धनुष बाण रखा करते थे. और उल्टे हाथ की तरफ प्रभु श्री राम और सीधे हाथ की तरफ माता सीता यहां विश्राम किया करती थी. जिसके चिन्ह आज भी साफ तौर पर उस पत्थर की सिला में बने हुए है. आज भी इस सिला की पूजा की जाती है. और सिला के पत्थर में भगवान राम और माता सीता का नाम लिखा गया है. ताकि दूर दूर से दर्शन करने आने वाले भक्त इसको समझ सके.

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