केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक साथ चुनाव कराने के लिए 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल को मंजूरी दे दी है। इससे लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का रास्ता साफ होगा। चुनाव आयोग ने 2029 तक एक साथ चुनाव कराने के लिए 7,951 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाया है। इसके लिए अतिरिक्त वोटिंग मशीनों और सुरक्षा बलों की जरूरत...
नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल को मंजूरी दी है। इससे देशभर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का रास्ता साफ हो गया है। इस बिल के जरिए चुनाव प्रक्रिया को आसान बनाने की कोशिश की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय से ONOE के समर्थक रहे हैं। इस बिल पर आगे और विस्तृत जानकारी आएगी। देश में एक साथ चुनाव कराने पर कितना खर्च आएगा, अभी कितना खर्च आता है, पैसा कहां खर्च होता है? आइए, यहां जानते हैं। अभी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अलग-अलग होते हैं। ये...
5 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में यह खर्च बढ़कर 50,000 करोड़ रुपये हो गया।खर्च बढ़ने के पीछे फैक्टरखर्च में इस बढ़ोतरी के कई कारण हैं। इनमें योग्य मतदाताओं की संख्या में वृद्धि और बदलती चुनाव प्रचार रणनीतियां शामिल हैं। खासकर सोशल मीडिया पर बढ़ता खर्च एक बड़ा कारण है। 2014 में लोकसभा चुनाव का खर्च 3,870 करोड़ रुपये था, जो पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ा है। प्रति मतदाता खर्च का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि 1951 में यह खर्च 6 पैसे प्रति...
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अगले हफ्ते संसद में लाया जाएगा वन नेशन वन इलेक्शन बिल, पास हुआ तो 2029 तक देशभर में एक साथ होंगे चुनाव'एक देश, एक चुनाव' मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' यानी एक देश एक चुनाव का वादा किया था. मोदी कैबिनेट ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' (One Nation One Election) प्रस्ताव को 18 सितंबर को मंजूरी दे दी थी.
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'बार-बार चुनाव से रुक जाता है विकास', वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर बोले केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहानShivraj Singh Chouhan: एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बार-बार चुनाव कराने से विकास कार्य रुक जाते हैं. उन्होंने कहा कि इससे समय की बर्बादी होती है और धन का भी अपव्यय होता है.
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