भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उन विदेशियों को भारत छोड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए जिन पर आपराधिक मामले चल रहे हैं।
भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि उन विदेशियों को भारत छोड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए जिन पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। न्यायमूर्ति अभय एस.
ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि किसी विदेशी को जमानत देते समय अदालत को राज्य या अभियोजन एजेंसी को निर्देश जारी करना चाहिए कि वह विदेशियों के पंजीकरण नियमों के तहत संबंधित पंजीकरण अधिकारी को आदेश के बारे में तुरंत सूचित करे। पीठ ने कहा कि जब किसी आपराधिक आरोप का जवाब देने के लिए किसी विदेशी की भारत में उपस्थिति जरूरी हो, तो उसे भारत छोड़ने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया जाना चाहिए। 1948 के आदेश के तहत नागरिक प्राधिकरण किसी विदेशी की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा सकता है। जमानत आदेश के बारे में पंजीकरण अधिकारी को नागरिक प्राधिकरण समेत सभी संबंधित एजेंसियों को सूचित करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश ड्रग्स मामले में एक नाइजीरियाई नागरिक पर लगाई गई जमानत शर्तों से जुड़े मामले में सुनाया है। सोमवार को पारित आदेश में पीठ ने विदेशी अधिनियम, 1946 के प्रविधानों का उल्लेख किया। शीर्ष अदालत ने कहा, जब किसी विदेशी को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह 1948 के नियम के तहत नागरिक प्राधिकरण की अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ सकता। पीठ ने अपने आदेश की प्रति सभी हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरलों को भेजने का निर्देश दिया, जो इसे संबंधित राज्यों की सभी आपराधिक अदालतों को भेजेंगे। शीर्ष अदालत इस सवाल पर विचार कर रही थी कि क्या विदेशी पंजीकरण नियम, 1992 के नियम 3 के तहत नियुक्त विदेशी पंजीकरण अधिकारी को 1946 अधिनियम के तहत विदेशी द्वारा दायर जमानत याचिका में शामिल करना आवश्यक है। जमानत याचिका का विरोध करने का कोई अधिकार नहीं पीठ ने कहा कि 1948 के आदेश के तहत अधिकारियों के पास किसी विदेशी द्वारा दायर जमानत याचिका का विरोध करने का कोई अधिकार नहीं है, जब तक कि उन मामलों में जमानत की मांग नहीं की गई हो, जहां आरोप अधिनियम की धारा 14 के तहत दंडनीय अपराध का हो। धारा 14 कानून के प्रविधानों के उल्लंघन के लिए दंड आदि से संबंधित है। विदेशियों द्वारा दायर सभी जमानत आवेदनों में नागरिक प्राधिकरण या पंजीकरण अधिकारी को शामिल करने से जमानत आवेदनों पर निर्णय लेने में अनावश्यक देरी हो सकती है
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