वाराणसी के दुर्गा और पंचगंगा घाट के मध्य में गौरी पशुपतेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर में चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों तक गर्भगृह में विराजे महादेव का श्रृंगार नौ देवी के स्वरूप में किया जाता है.
अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी मंदिरों का शहर है. इस शहर में कई अद्भुत और प्राचीन मंदिर हैं. देवाधिदेव महादेव के इस शहर में ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां भगवान शिव देवी स्वरूप में भक्तों को दर्शन देते हैं. नवरात्रि के नौ दिनों में यहां महादेव का श्रृंगार अलग अलग स्वरूप में किया जाता है और फिर उनकी आरती उतारी जाती है. भगवान भोले का यह अद्भुत स्वरूप देख भक्त भी हैरान हो जाते हैं. देश का यह इकलौता ऐसा मंदिर है जहां ऐसा अद्भुत नजारा देखने को मिलता है.
ऐसी मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से यहां दर्शन के लिए आता है. यहां उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है. 6 से 7 घण्टे का लगता है समय मंदिर के पुजारी रिशु ने बताया कि नवरात्रि में महादेव का शक्ति श्रृंगार होता है. सालों से ऐसा होता आ रहा है. इस काम में करीब हर दिन 6 से 7 घंटे का समय लगता है. नवरात्रि के अलावा भी अलग-अलग दिनों में यहां महादेव का श्रृंगार अलग-अलग तरीके से किया जाता है. इन स्वरूप में होता है श्रृंगार नवरात्रि के पहले दिन यहां भगवान शिव का शैलपुत्री स्वरूप में श्रृंगार होता है.
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