काशी के कर्दमेश्वर महादेव मंदिर के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा. इसी कड़ी में आज हम आपको उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर स्थित एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां का इतिहास काशी के कर्दमेश्वर महादेव मंदिर से मिलते-जुलता है. ये मंदिर भक्तों के लिए आस्था का एक बड़ा केंद्र है. ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं इस चमत्कारी शिव मंदिर के बारे में.
भगवान शिव का प्राचीन सारनाथ मंदिर भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है. इस मंदिर का निर्माण कब और किसने कराया, ये पता नहीं चल सका है. मंदिर के पुनरोद्धार होने के बाद अनूप जलोटा फाउंडेशन ने इसे गोद लिया है. मिर्जापुर जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर लरवक गांव में प्रसिद्ध सारनाथ मंदिर स्थित है. यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है. सावन माह में दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. मंदिर के पुजारी नंदलाल गोस्वामी ने बताया कि इसका निर्माण सातवीं शताब्दी में हुआ था.
वहीं, अन्य विग्रहों को भी काफी नुकसान पहुंचाया था. औरंगजेब के आगमन का इतिहास आज भी जीवंत है. मंदिर की दीवार और एक अन्य जगह पर कुछ लिखा है, जिसे आजतक कोई पढ़ नहीं सका है. मंदिर से चुनार किले तक सुरंग की होने की बात भी कहीं जाती है. मंदिर में दर्शन के लिए आएं भक्त शीला देवी ने बताया कि हम तीसरी पीढ़ी है, जो यहां पर दर्शन कर रहे हैं. मान्यता है कि यहां पर भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है. हर सोमवार व सावन माह में भक्तों की भीड़ यहां उमड़ती है. मान्यता है कि धाम में दर्शन से हर मनोरथ सिद्ध होता है.
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