Supreme Court Judgments On Stridhan: स्त्रीधन में वह हर चीज आती है जो महिलाओं को विवाह से पहले और विवाह के समय या विवाह के बाद मिलती है। इसमें सभी चल, अचल संपत्ति उपहार आदि शामिल होते हैं। महिलाओं को अपने स्त्रीधन पर पूर्ण अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पति संकट में स्त्रीधन का उपयोग कर सकता है, लेकिन बाद में पत्नी को लौटाना ही...
नई दिल्ली: विवाहित महिलाओं के स्त्रीधन पर उनके अधिकार को मजबूत करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'स्त्रीधन' दंपत्ति की संयुक्त संपत्ति नहीं बन सकती है और पति का अपनी पत्नी की संपत्ति पर कोई नियंत्रण नहीं है। हालांकि वह मुसीबत के समय स्त्रीधन का इस्तेमाल तो कर सकता है, लेकिन बाद में उसे वापस लौटाना होगा। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने स्त्रीधन को लेकर दायर एक वैवाहिक विवाद पर सुनवाई करते हुए कहा, 'महिला को...
'पीठ ने कहा कि 'यह महिला की पूर्ण संपत्ति है और उसे अपने इच्छानुसार बेचने या रखने का पूरा अधिकार है। पति का उसकी इस संपत्ति पर कोई नियंत्रण नहीं है। वह मुसीबत के समय इसका इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन फिर भी, उसका यह दायित्व है कि वह उसी संपत्ति या उसके मूल्य को अपनी पत्नी को वापस कर दे। इसलिए, स्त्रीधन पति-पत्नी की संयुक्त संपत्ति नहीं बनती है और पति के पास इसका स्वामित्व या स्वतंत्र अधिकार नहीं है।' अदालत ने यह भी कहा कि अगर स्त्रीधन का बेईमानी से दुरुपयोग किया जाता है तो पति या उसके...
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