राष्ट्र के नाम संबोधन में जर्मन राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस के रोकने के प्रयासों को 'मानवता की परीक्षा' बताया है. यह पहला मौका है जब किसी जर्मन राष्ट्रपति ने क्रिसमस के अलावा अन्य मौके पर भी राष्ट्र को संबोधित किया है. coronavirus CoronavirusPandemic
कोरोना संक्रमण के चलते जर्मनी की कम मृत्यु दर दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस संकट से निपटने के लिए चांसलर मैर्केल की रणनीति की चारों तरफ तारीफ हो रही है. मैर्केल ने शुरुआती दौर में ही चेतावनी दे दी थी कि देश की 60 फीसदी आबादी कोरोना से संक्रमित हो सकती है. औपचारिक रूप से उन्होंने"लॉकडाउन" शब्द का इस्तेमाल भी नहीं किया और लोगों से कहा कि वे समझती हैं कि आजादी कितनी जरूरी है.कोरोना वायरस से दुनिया का पीछा तब तक पूरी तरह नहीं छूटेगा जब तक इसका टीका नहीं बन जाता.
बच्चों को उन्होंने संदेश दिया कि वे जानती हैं कि ईस्टर का खरगोश जरूरी है लेकिन इस साल उसे अपने घर में ही रहना होगा.दक्षिण कोरिया के सेंटर फॉर डिजीज एंड प्रिवेंशन की अध्यक्ष जुंग इउन केओंग को नेशनल हीरो घोषित किया गया है. स्थानीय मीडिया के अनुसार कोरोना संकट की शुरुआत से केओंग दिन रात काम कर रही हैं, ना सो रही हैं और ना ही दफ्तर से बाहर निकल रही हैं. उनकी मेहनत का ही नतीजा था कि देश भर टेस्टिंग मुमकिन हो पाई और संक्रमण का फैलाव रुक सका.
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