संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है देश की संसदः सुप्रीम कोर्ट

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संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है देश की संसदः सुप्रीम कोर्ट
Preamble Of ConstitutionConstitution Of IndiaSC On Constitution
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंथनिरपेक्षता की धारणा समानता को प्रदर्शित करती है जो संविधान का मूल स्वरूप है। इसी तरह समाजवाद शब्द को सिर्फ आर्थिक नीतियों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। समाजवाद कल्याणकारी राज्य की प्रतिबद्धता का द्योतक है जो राज्य द्वारा अवसर की समानता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है। कोर्ट ने कहा कि संसद संविधान की...

जेएनएन, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए 'समाजवाद' और 'पंथनिरपेक्ष' शब्दों को हटाने की मांग वाली याचिकाएं सोमवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने 42वें संविधान संशोधन के जरिये प्रस्तावना में जोड़े गए इन दोनों शब्दों को 44 वर्ष बाद चुनौती दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतने समय बाद चुनौती देने का कोई न्यायोचित आधार नजर नहीं आता। याचिका पर विस्तार से विचार करने की जरूरत नहीं लगती। संसद को संविधान संशोधन की निर्विवाद शक्ति शीर्ष अदालत ने ऐतिहासिक फैसले में...

संशोधन लागू करने की दलील स्वीकार की जाएगी तो यह चीज संविधान के किसी भी हिस्से में किए गए संशोधन पर समान रूप से लागू होगी। भारत ने पंथनिपेक्षता की अपनी व्याख्या विकसित की कोर्ट ने कहा कि यह सही है कि संविधान सभा प्रस्तावना में 'समाजवाद' और 'पंथनिरपेक्ष' शब्द जोड़ने को राजी नहीं थी, पर संसद को इसमें संशोधन की शक्ति दी गई है। समय के साथ भारत ने पंथनिपेक्षता की अपनी व्याख्या विकसित कर ली है। यह सिद्धांत संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 से आता है जो धर्म के आधार पर भेदभाव की मनाही...

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