संसदीय समिति करेगी लेटरल एंट्री मुद्दे की पड़ताल, विरोध के बाद सरकार को वापस लेना पड़ा था प्रस्ताव

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संसदीय समिति करेगी लेटरल एंट्री मुद्दे की पड़ताल, विरोध के बाद सरकार को वापस लेना पड़ा था प्रस्ताव
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UPSC Lateral Entry केंद्र सरकार ने अगस्त में संयुक्त सचिव से लेकर उप सचिव स्तर तक के पदों के लिए लेटरल एंट्री से भर्ती का विज्ञापन निकाला था लेकिन विपक्ष के तीखे विरोध के बाद सरकार ने इसे वापस ले लिया था। अब इस मुद्दे पर संसदीय समिति पड़ताल करेगी। गौरतलब है कि लेटरल एंट्री की प्रक्रिया वर्ष 2018 से शुरू की गई...

पीटीआई, नई दिल्ली। सरकारी विभागों में प्रमुख पदों को भरने के लिए 'लेटरल एंट्री' के मुद्दे की संसदीय समिति पड़ताल करेगी। इन पदों के लिए आरक्षण का प्रविधान नहीं किए जाने को लेकर इस साल की शुरुआत में राजनीतिक विवाद हो गया था। लोकसभा सचिवालय द्वारा दिए गए विवरण के अनुसार, कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय विभाग से संबंधित संसद की स्थायी समिति द्वारा 2024-25 में पड़ताल के लिए चुने गए मुद्दों में सिविल सेवाओं में 'लेटरल एंट्री' भी शामिल है। यूपीएससी ने दिया था विज्ञापन इस वर्ष अगस्त...

अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कई नेताओं ने अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षण का प्रविधान नहीं करने पर सरकार की नीति की आलोचना की थी। 2018 में शुरू की गई थी प्रक्रिया इसके बाद सरकार ने यूपीएससी से विज्ञापन रद करने को कहा था। इन पदों के लिए भर्ती आमतौर पर सिविल सेवा परीक्षा प्रक्रिया के माध्यम से की जाती है, लेकिन 'लेटरल एंट्री' के जरिये सीमित अवधि के लिए सीधी भर्ती की जाती है। केंद्र सरकार में वर्ष 2018 से लेटरल एंट्री की प्रक्रिया शुरू की गई है,...

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