सऊदी अरब और इजरायल के संबंध: ट्रंप का प्रभाव और फिलिस्तीन मुद्दा

अंतर्राष्ट्रीय राजनीति समाचार

सऊदी अरब और इजरायल के संबंध: ट्रंप का प्रभाव और फिलिस्तीन मुद्दा
सऊदी अरबइजरायलडोनाल्ड ट्रंप
  • 📰 NBT Hindi News
  • ⏱ Reading Time:
  • 13 sec. here
  • 8 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 29%
  • Publisher: 51%

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में दोबारा पद ग्रहण करने और गाजा में युद्धविराम की घोषणा ने सऊदी अरब को दुनिया के ध्यान में लाया है। सऊदी अरब और इजरायल के संबंधों को सामान्य करने के मुद्दे पर केंद्रबिंदु बन गया है।

सऊदी अरब दुनिया के ध्यान में फिर से आ गया है, खासकर डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में दोबारा पद ग्रहण करने और गाजा में युद्धविराम की घोषणा के साथ। सऊदी अरब और इजरायल के संबंधों को सामान्य करने के मुद्दे पर केंद्रबिंदु बन गया है। सऊदी अरब की ओर से इजरायल को मान्यता देने में फिलिस्तीन मुद्दा आड़े आता रहा है। अमेरिका में ट्रंप की वापसी ने इस मुद्दे को और भी तेज कर दिया है, क्योंकि ट्रंप सऊदी और इजरायल के संबंध सामान्य करने पर जोर दे रहा है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन

सलमान के पास फिलिस्तीन राज्य के बनने से पहले ही इजरायल को मान्यता देने का निर्णय लेने की शक्ति है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के लिए इजरायल और सऊदी अरब के बीच संबंध सामान्य करना एक बड़ी उपलब्धि होगी।

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

NBT Hindi News /  🏆 20. in İN

सऊदी अरब इजरायल डोनाल्ड ट्रंप युद्धविराम फिलिस्तीन अंतर्राष्ट्रीय संबंध

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

इजरायल का 'ग्रेटर इजरायल' प्लान: अरब देशों में आक्रोशइजरायल का 'ग्रेटर इजरायल' प्लान: अरब देशों में आक्रोशइजरायल के विदेश मंत्रालय ने 'ग्रेटर इजरायल' नामक एक नक्शा जारी किया है जिसमें लेबनान, जॉर्डन, सीरिया, इराक, फिलिस्तीन, मिस्र और सऊदी अरब सहित कई अरब देशों के क्षेत्र शामिल हैं. यह नक्शा विवादों को भड़का रहा है और अरब देशों में आक्रोश है. इजरायल का दावा है कि यह अखंड इजरायल बनाने का सपना देख रहा है.
और पढो »

ग्रेटर इसराइल सिर्फ़ चरमपंथियों का ख़्वाब या ठोस योजना? फ़लस्तीन और अरब जगत इस पर क्या बोला?ग्रेटर इसराइल सिर्फ़ चरमपंथियों का ख़्वाब या ठोस योजना? फ़लस्तीन और अरब जगत इस पर क्या बोला?कुछ दिन पहले इसराइली सरकार ने एक्स पर 'ग्रेटर इसराइल' का विवादास्पद नक्शा जारी किया है जिसकी सऊदी अरब, फ़लस्तीन, संयुक्त अरब अमीरात और अरब लीग ने निंदा की है.
और पढो »

पाकिस्तान को लगा झटका, खाड़ी के कई देशों ने वीजा देने पर लगाया प्रतिबंधपाकिस्तान को लगा झटका, खाड़ी के कई देशों ने वीजा देने पर लगाया प्रतिबंधसंयुक्त अरब अमीरात के साथ सऊदी अरब और कई अन्य खाड़ी देशों ने पाकिस्तान के कम से कम 30 अलग शहरों के लोगों को वीजा देने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
और पढो »

इजरायल और हमास के बीच बंधकों की रिहाई पर समझौता किसी भी समय हो सकता हैइजरायल और हमास के बीच बंधकों की रिहाई पर समझौता किसी भी समय हो सकता हैहमास और इजरायल के बीच बंधकों की रिहाई को लेकर बातचीत अपने आखिरी दौर में है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रतिनिधि वार्ता में शामिल हैं।
और पढो »

पश्चिम एशिया में शिया-सुन्नी संघर्ष: एक नया राजनीतिक और वैचारिक लड़ाईपश्चिम एशिया में शिया-सुन्नी संघर्ष: एक नया राजनीतिक और वैचारिक लड़ाईपश्चिम एशिया के कई देशों में हाल ही में सुन्नी और शिया मुसलमानों के बीच संघर्ष देखने को मिला है। सीरिया, इराक और लेबनान जैसी देशों में चल रही लड़ाईयां इस संघर्ष को और गहरा रही हैं। दोनों समुदायों के बीच ऐतिहासिक मतभेद हैं लेकिन बीते कुछ दशकों में इनका अलग तरह से प्रभाव सामने आया है। ईरान शिया गढ़ के रूप में खुद को दुनिया में शिया मुसलमानों का नेता मानता है, जबकि तुर्की, सऊदी अरब और दूसरे खाड़ी देशों ने सुन्नी विद्रोहियों को समर्थन दिया है। इस संघर्ष का प्रभाव फिलिस्तीन पर भी पड़ रहा है जहाँ ज्यादातर सुन्नी हैं।
और पढो »

सऊदी अरब का रेगिस्‍तानी स्‍वर्ग नियोम: आधुनिक शहर, महंगे सपने, और विवादसऊदी अरब का रेगिस्‍तानी स्‍वर्ग नियोम: आधुनिक शहर, महंगे सपने, और विवादसऊदी अरब रेगिस्‍तानी इलाके में दुनिया का सबसे आधुनिक शहर, नियोम बना रहा है। इस शहर में अरबपति अपना घर ले सकेंगे और लोग घूम सकेंगे। सऊदी अरब तेल की मांग में कमी से डर रहा है और पर्यटन को बड़ी उम्मीद से देख रहा है। शहर के निर्माण में डेढ़ ट्रिलियन डॉलर से अधिक का खर्च आ रहा है और सऊदी अरब को पैसे जुटाने में परेशानी हो रही है। इस्‍लामिक बैंकिंग के जरिए 7 अरब डॉलर जुटाने की कोशिश की जा रही है। नियोम शहर के निर्माण के लिए कई स्थानीय लोगों को हटाया गया है और इसके निर्माण को लेकर कई विवाद भी है।
और पढो »



Render Time: 2025-02-14 21:02:32