सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) ने रियल एस्टेट कारोबार में पैसा लगाने के लिए विदेशी कंपनियों को इजाजत दी है. यह फैसला एमबीएस ने अपने 'विजन 2030' के तहत लिया है. नए कानून के मुताबिक दूसरे देशों के लोग अब पवित्र मक्का और मदीना में रियल एस्टेट (स्थिर संपत्ति) का कारोबार कर सकते हैं.
सऊदी अरब में साल 2015 में 90 वर्षीय राजा अब्दुल्ला अस्पताल में आखिरी सांस गिन रहे थे. उनके बाद सौतेले भाई सलमान राजा बनने वाले थे. तब मोहम्मद बिन सलमान सऊदी अरब की बेहतरी में अपनी अहम भूमिका निभाने के लिए खुद को तैयार कर चुके थे. क्राउन प्रिंस बनने के बाद एमबीएस ने कई अहम फैसले लिए हैं. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) ने रियल एस्टेट कारोबार में पैसा लगाने के लिए विदेशी कंपनियों को इजाजत दी है. यह फैसला एमबीएस ने अपने ' विजन 2030 ' के तहत लिया.
जनवरी 2015 में एमबीएस, क्राउन प्रिंस बने तो उन्होंने अगले 15 सालों में सऊदी की ऑयल बेस्ड इकॉनमी को अन्य सेक्टर्स/दूसरे बिजनेस पिलर पर शिफ्ट करने का फैसला किया था. एक इस्लामिक देश के सख्त नियमों की वजह से ये सब आसान नहीं था, पर धुन और इरादों के पक्के एमबीएस अब पूरी ताकत से अपना मकसद पूरा करने की दिशा में जुटे हैं.21वीं सदी की शुरुआत के डेढ़ दशक यानी 2015 तक सऊदी अरब की पहचान मुस्लिमों के पवित्र धार्मिक स्थल मक्का-मदीना और तेल संपदा से भरपूर धनवान देश के रूप में थी. वहां के कानून सख्त थे, विदेशियों को उनका पालन करने में दिक्कत होती थी. गलती पर कड़ी सजा मिलती थी. लिहाजा ऐसे देश जहां विदेशी रईस अपनी सुविधा के मुताबिक जीवन यापन न कर सकते हों, वहां की इकॉनमी को नए पिलर पर ले जाना आसान नहीं था.हिंदुओं का मक्का-मदीना में जाना वर्जित है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि विजन 2030 के तहत सऊदी सरकार के हालिया फैसला लागू होने के बाद क्या हिंदू अब मक्का-मदीना में कारोबार कर सकेंगे? दरअसल सऊदी के नियम सख्त हैं इसलिए विदेशी लोग अक्सर सऊदी अरब जाने में कतराते थे. नए कानून के मुताबिक दूसरे देशों के लोग अब पवित्र मक्का और मदीना में रियल एस्टेट (स्थिर संपत्ति) का कारोबार कर सकते हैं. सऊदी अरब मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक कैपिटल अथॉरिटी के ऐलान में इस बात पर फोकस किया गया है कि दूसरे देशों के लोग कारोबार करते हुए कानून के मुताबिक काम करेंगे. बेंच मार्क रूल की बात करें तो मक्का और मदीना में विदेशी मूल के लोग और विदेशी संस्थान कंपनी के कुल शेयरों में 49 फीसदी से ज्यादा निवेश नहीं कर सकेंगी. नए कानून के तहत विदेशी निवेशकों को सऊदी फाइनेंशियल मार्केट रजिस्टर्ड सऊदी कंपनियों के शेयरों में निवेश करने की इजाजत दी जाएगी. माना जा रहा है इस फैसले से सऊदी के रियल एस्टेट (स्थिर संपत्ति) सेक्टर में बूम आएगा. ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि सऊदी में आने वाले समय में निवेशकों को और ज्यादा अच्छे ऑफर दिए जा सकते हैं. जिसके बाद ही इस बात की अधिकारिक पुष्टि हो पाएगी कि मक्का-मदीना में हिंदू कारोबार कर सकेंगे या नहीं.क्राउन प्रिंस यानी एमबीएस के ड्रीम प्रोजेक्ट्स की बात करें तो वो चाहते हैं कि सऊदी में ज्यादा से ज्यादा सैलानी आएं. इसके लिए एमबीएस ने तय किया है कि बिजनेस एनवायरमेंट में सुधार करने के लिए जरूरी बदलाव करेंगे.इस राज्य में सिनेमा घरों के लिए बदलेंगे नियम, रात में उम्र के हिसाब से होगी एंट्र
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