बड़ी भीड़ में हुई भगदड़ के मामले में सना रईस खान ने अल्लू अर्जुन को सपोर्ट किया है और कहा कि भीड़ का मैनेजमेंट इवेंट ऑर्गनाइजर की जिम्मेदारी होती है.
अल्लू अर्जुन की फिल्म 'पुष्पा 2' की स्क्रीनिंग पर मची भगदड़ के मामले ने लोगों को शॉक कर दिया था. हैदराबाद के संध्या थिएटर में, फिल्म की स्क्रीनिंग पर अल्लू अर्जुन खुद फैन्स के साथ अपनी फिल्म देखने पहुंचे. उन्हें देखने के लिए जुटी भीड़ में भगदड़ मच गई और इसमें एक रेवती नाम की एक महिला की जान चली गई. इए महिला का 9 साल का बेटा, श्रीतेज गंभीर रूप से घायल हो गया और अभी भी वेंटिलेटर पर है.
इस मामले से जुड़े केस में पुलिस ने 'पुष्पा 2' स्टार अल्लू अर्जुन को भी अरेस्ट किया था, हालांकि उन्हें अगले ही दिन बेल भी मिल गई. लेकिन लोगों में अर्जुन की गिरफ्तारी को लेकर नाराजगी है. अब बिग बॉस 17 का हिस्सा रहीं क्रिमिनल लॉयर सना रईस खान ने भी अल्लू अर्जन को सपोर्ट किया है. कई हाई प्रोफाइल मामलों से जुड़ी रह चुकीं सना ने कहा है कि इस दुखद घटना में फिल्म स्टार को दोष नहीं दिया जा सकता क्योंकि भीड़ मैनेज करना इवेंट ऑर्गनाइजर की जिम्मेदारी है, एक्टर्स की नहीं. सना ने किया अल्लू अर्जन का सपोर्ट न्यूज 18 की के रिपोर्ट के अनुसार, सना ने कहा, 'अल्लू अर्जन का तगड़ा स्टारडम अपने साथ पैशनेट और पक्की फैन फॉलोइंग भी लेकर आता है. ऐसी पॉपुलैरिटी से बेकाबू भीड़ जुट सकती है, ये समझना महत्वपूर्ण है कि भीड़ को मैनेज करना इवेंट ऑर्गनाइजर्स और लोकल अथॉरिटी की जिम्मेदारी है, एक्टर की नहीं.' सना ने आगे कहा कि अल्लू अर्जुन को एक ऐसी गलती के लिए जिम्मेदार मानना जो उनके कंट्रोल से बाहर है न केवल अन्याय है बल्कि एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में दूसरों के लिए एक गलत उदाहरण भी सेट करता है. Advertisementसना ने आगे कहा, 'कानूनी रूप से, अल्लू अर्जुन की अंतरिम जमानत जुडिशल सिस्टम की ये समझ दर्शाती है कि शायद उन्हें अरेस्ट किए जाने की जरूरत नहीं थी. आपराधिक जिम्मेदारी तय करने के लिए लापरवाही का सबूत या उन्हें भगदड़ से सीधा जोड़ने वाला सबूत होना चाहिए. लेकिन जो तथ्य सामने आए हैं उनके हिसाब से ऐसा नहीं नजर आता. अपने फैन्स से जुड़ी हर घटना के लिए एक्टर्स को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता जबतक उनकी तरफ से व्यावहारिक गलती ना हुई हो या पब्लिक सेफ्टी को लेकर कोई चूक ना हुई हो.' एक्टर्स भी दें ध्यान सना ने एक्टर्स को ये भी सलाह दी कि कानूनी रूप से ऐसे मामलों से बचने के लिए उन्हें अपने तौर तरीकों में थोड़ा बदलाव करना चाहि