उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 152 साल पुराने बांके बिहारी और महादेव मंदिर का पर्दा उठ गया है. मंदिर की खोज से हिंदू धर्म के लोग उत्साहित हैं, भक्तों ने मंदिर के पुनर्निर्माण और पूजा शुरू कराने की मांग की है.
उत्तर प्रदेश का संभल जिला इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है. वजह, यहां एक के बाद एक कई प्राचीन मंदिर मिल रहे हैं. अब संभल में 152 साल पुराने एक ऐसे 'रहस्य' से पर्दा उठा है, जिससे मुस्लिम समाज के लोग हैरान रह गए हैं. वहीं, हिंदुओं में खुशी की लहर दौड़ गई है. संभल में शिवलिंग- बजरंगबली मंदिर , हनुमान जी का मंदिर मिले के बाद सालों से बंद पड़े तीसरे मंदिर के रहस्य से पर्दा उठ गया है. ये मंदिर बांके बिहारी और महादेव का बताया गया है.
संभल में मिले बांके बिहारी और महादेव मंदिर में भक्तों का तांता लग गया. श्रद्धालुओं ने इस मंदिर का पुनर्निमाण कराने और पूजा शुरू कराने की मांग की है. ये मंदिर चंदौसी कस्बे के लक्ष्मणगंज में खंडहरनुमा हालत में मिला. बताया जा रहा है कि ये मंदिर करीब डेढ़ सौ साल पुराना है. मुस्लिम आबादी से घिरा होने और मंदिर का रखरखाव नहीं होने के चलते आज इसका अस्तित्व खतरे में है. लोगों के मुताबकि, 152 साल पहले इसके परिसर में एक पीपल का विशाल वृक्ष, कूप और जल बावड़ी हुआ करता थी. लोगों ने ये भी बताया कि चंदौसी कस्बे और इसके आसपास 25 साल पहले हिंदू बड़ी तादात में रहा करते थे. लेकिन, कुछ समय बाद यहां मुसलमानों की आबादी बढ़ती चली गई, जिससे हिंदुओं ने पलायन शुरू कर दिया. दावा किया जा रहा है कि सालों पहले शरारती तत्वों ने मंदिर में विराजमान भगवान बांके बिहारी और महादेव भगवान की प्रतिमाओं को खंडित कर दिया था, जिसके बाद पूजा बंद हो गई. अब लोगों ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराने की मांग तेज कर दी है. संभल में 5 दिन के अंदर 3 प्राचीन मंदिर मिले हैं
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