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साहित्य चेतना, समाज और अभिव्यक्ति के बदलाव का माध्यम है. आज के दौर में जहां तकनीक और पूंजीवाद इतना हावी हो रहा है ऐसे समय में हस्तलिखित पत्रिका का निकलना किसी प्राकृतिक घटना से कम नहीं है. हिंदू कॉलेज के हिंदी विभाग की हस्तलिखित पत्रिका ‘हस्ताक्षर’ के रजत जयंती अंक का लोकार्पण करते हुए प्रसिद्ध कवि और कहानीकार उदय प्रकाश ने कहा कि हमारे आख्यान भी हाथों से लिखे गए थे. उन्होंने कहा कि साहित्य प्रकृति के सबसे निकटतम होता है.
उदय प्रकाश ने अपनी रचना ‘पीली छतरी वाली लड़की’ के संबंध में कहा कि जब ‘हंस’ पत्रिका के 15 वर्ष पूरे हुए थे तब राजेंद्र यादव के आग्रह और दबाव से यह लिखी गई थी जो एक लंबी कहानी है किंतु लोग आज भी इसे उपन्यास समझते हैं. लेखक ने बताया कि यह कहानी एक 19 वर्षीय युवक और युवती की प्रेम कथा है जो जीवन और समाज की तमाम टकराहटों से जूझते हैं. यह कहानी इतनी चर्चित रही कि 2010 में ‘न्यूयॉर्क रिव्यू ऑफ बुक’ ने इसे सबसे चर्चित साहित्यिक पुस्तकों की सूची में दूसरे स्थान पर रखा. विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रो.
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