भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद हिमालय में एकांतवास की योजना बनाई है. वह आगामी महीनों में मन की शांति के लिए सुदूर हिमालय में जाएंगे.
भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने मंगलवार को कहा कि वह अगले महीने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद मन की शांति के लिये कुछ महीने हिमालय में एकांतवास में बिताएंगे. दिल्ली विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम घोषणा के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद की योजनाओं को साझा किया. कुमार ने कहा कि वह अगले चार-पांच महीने मन की शांति के लिये, सुदूर हिमालय में जाएंगे, सभी चकाचौंध से दूर रहेंगे. उन्होंने कहा, ‘मुझे कुछ एकांत और स्वाध्याय की जरूरत है.
’ वह 18 फरवरी को सेवानिवृत्त होने वाले हैं.बिहार/झारखंड कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी कुमार ने वंचित तबकों के बच्चों को पढ़ाने की व्यक्तिगत आकांक्षा का भी उल्लेख किया. कुमार ने कहा कि उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई नगर निकाय द्वारा संचालित स्कूल में की, जहां कक्षाएं एक पेड़ के नीचे संचालित की जाती थीं. उन्होंने कहा, ‘मैंने छठी कक्षा में ‘एबीसीडी’ सीखना शुरू किया था. हम एक स्लेट लेकर एक पेड़ के नीचे पढ़ने के लिए बैठ जाते थे. मैं उन जड़ों तक वापस जाना चाहता हूं और ऐसे बच्चों को पढ़ाना चाहता हूं.’अपने शायराना अंदाज के लिए मशहूर कुमार ने बतौर सीईसी अपनी आखिरी प्रेस वार्ता में भी अपने इस अंदाज का परिचय दिया. उन्होंने आयोग पर लगने वाले आरोपों के जवाब में कहा, ‘आरोप और इल्ज़ामात का दौर चले कोई गिला नहीं, झूठ के गुब्बारों को बुलंदी मिले, कोई शिकवा नहीं, हर परिणाम में प्रमाण देते हैं पर वो बिना सबूत शक की नई दुनिया रौनक करते है
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