बीबीसी ने सीरिया की बदनाम सैडनाया जेल से रिहा हुए लोगों से बात की. असद शासन पर आरोप हैं कि वो इस जेल में अपने सियासी विरोधियों को अमानवीय हालात में रखता था.
सीरिया में सत्ता के पतन का यह निर्णायक पल था जब विद्रोहियों ने देश की सबसे कुख्यात जेल से क़ैदियों को रिहा कर दिया. इस घटना को एक सप्ताह होने को हैं. इस जेल से रिहा हुए चार लोगों ने बीबीसी को अपनी कहानी सुनाई है.अपनी बैरक के बाहर शोर सुनकर सभी क़ैदियों में सन्नाटा छा गया था.वर्षों से उन्होंने देखा कि जब भी दरवाज़ा खुलता है पिटाई, बलात्कार और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. लेकिन इस दिन इसका मतलब था आज़ादी.
क़ासेम और अदनान साडनाया जेल से रिहा हुए उन चार क़ैदियों में से थे जिनसे बीबीसी ने बात की. यह ऐसी जगह है जहां राजनीतिक क़ैदियों को रखा जाता था और इसे 'इंसानी बूचड़खाना' का नाम दिया गया था. मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी 2017 की रिपोर्ट में प्रशासन पर हत्याओं और टॉर्चर के आरोप लगाए थे. संगठन ने सीरिया में अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के मुताबिक़, "अपराधों के लिए इंसाफ़ की मांग की है, जिनमें राजनीतिक क़ैदी भी शामिल हैं."
दमिश्क के दक्षिणी हिस्से में अपने घर पर उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, "उस दरवाज़े के बाद, आप मरे हुए इंसान जैसे हैं. यहीं से यातनाओं की शुरुआत होती है." इस क़ैदी की दो उंगलियां और अंगूठा कटा हुआ था. उसका दावा था कि जेल में यातना के दौरान ऐसा किया गया था. अदनान और हाल ही में रिहा हुए दो क़ैदियों ने बताया कि पिटाई करने से पहले उन्हें उकड़ू करके टायर में बांध दिया जाता, ताकि हम हिल तक न सकें.क़ासेम कहते हैं कि जेल के दो कर्मचारी उन्हें पानी के ड्रम में तबतक उलटा लटकाए रखते जबतक उन्हें नहीं लगता कि 'सांस रुक जाएगी और मौत हो जाएगी.'
लेकिन इमाद के लिए जेल में सबसे बड़ी मुसीबत ठंड थी. वो कहते हैं, "यहां दीवारें तक ठंडी थीं. मैं ज़िंदा लाश बन गया था." क़ासेम के पिता और अन्य रिश्तेदारों ने बताया कि उनकी हत्या रोकने के लिए जेल के अधिकारियों को 10,000 डॉलर देने पड़े थे. पहले उनकी सज़ा आजीवन कारावास में बदली गई फिर 20 साल की सज़ा में.इमेज कैप्शन,परिवारों का कहना है कि वो जेल में अपने लोगों के लिए कुछ पैसे भेजते थे ताकि वो ठीक से खा सकें लेकिन भ्रष्ट अधिकारी उसे अपने पास रख लेते थे और क़ैदियों को सिर्फ़ सीमित राशन ही देते थे.अदनान का कहना है कि मार-पिटाई से ज़्यादा ख़तरनाक भूखे रहना है. वो कहते हैं, "मैं रात-रात भर भूखे रहता था.
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