सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में न्यूनतम एक तिहाई महिलाओं के लिए आरक्षण लागू करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अब से तीन कार्यकारी सदस्य और दो वरिष्ठ कार्यकारी सदस्य और एससीबीए की कोषाध्यक्ष महिलाएं होंगी.
सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में एक तिहाई महिला आरक्षण लागू करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने बीडी कौशिक के मामले में कोर्ट के पुराने फैसले को स्पष्ट करते हुए ये निर्देश दिए हैं. यह भी पढ़ें: 'बिना रीति-रिवाज के हिंदू शादियां वैध नहीं...
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में सीनियर एडवोकेट्स के लिए बनी सीनियर कार्यकारिणी के छह सदस्यों में से दो और सामान्य कार्यकारिणी के नौ सदस्यों में से तीन सदस्य के पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे.Advertisementयह भी पढ़ें: 'जजों के पास वीकेंड की भी छुट्टी नहीं, वेकेशन तो भूल ही जाइए', बोले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी आर गवईकोर्ट ने कहा कि उम्मीदवारों की योग्यता और शर्तों में आवश्यक बदलाव व सुधार की बाबत आठ प्रस्ताव आए लेकिन वो नाकाम हो गए.
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