भारत के पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल के बारे में एनबीटी से खुलकर बातचीत की। उन्होंने विधायिका और जूडिशरी के बीच लक्ष्मण रेखा, केशवानंद भारती जजमेंट, सोशल मीडिया का दबाव और फैसलों पर आलोचना जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की।
नई दिल्ली: देश के चीफ जस्टिस पद पर रहते हुए लोगों की अपेक्षाओं और सोशल मीडिया के दबाव के बीच तमाम बड़े फैसले देना निश्चित रूप से अहम जिम्मेदारी है और इसे बखूबी निभाया था पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने। जस्टिस चंद्रचूड़ गुरुवार को एनबीटी के ऑफिस पहुंचे और अपने कार्यकाल के बारे में तमाम सवालों के खुलकर जवाब दिए। पेश है टीम एनबीटी से उनकी बातचीत के मुख्य अंश:अक्सर विधायिका और जूडिशरी के बीच लक्ष्मण रेखा की बात की जाती है। दोनों की अपनी अहमियत है। दोनों को पता होना चाहिए कि उनकी सीमा क्या है।...
बेंच का गठन किया था तो सोचा कि जो बड़े-बड़े कॉन्स्टिट्यूशन मामले हैं, उनको लेना चाहिए। कई मामले 20 साल से पेंडिंग थे। अब CJI पुराने मामले छोड़ के नए लेते हैं तो लोग आलोचना करेंगे। पुराने मामले ना लें तो आलोचना होती है कि इतने पुराने मामले पड़े हैं और ये नए-नए मामले ले रहे हैं। तो जो भी आप करेंगे समाज का एक हिस्सा आलोचना करेगा ही। कोर्ट में तो खास तौर पर ऐसे होता है कि एक साइड जीतती है और दूसरी साइड हारती है। आप सबको तो खुश नहीं कर सकते।कई बार जजों और जजमेंट के बारे में सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग...
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