कोर्ट ने सुपरटेक को अब से पांच दिन यानी 17 जनवरी तक घर खरीदारों को भुगतान करने का निर्देश दिया है (mewatisanjoo) India SupremeCourt
नोएडा प्राधिकरण को भी दिया 17 जनवरी तक का वक्त
सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों की जमा रकम लौटाने को लेकर सुपरटेक के प्रबंधन को फटकार लगाई है. बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण से उस एजेंसी का नाम बताने को कहा है जिसे सुपरटेक एमरॉल्ड टॉवर हाउसिंग प्रोजेक्ट के ट्विन टावरों को ध्वस्त करने का काम दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को 17 जनवरी को इस मामले पर जवाब देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने सुपरटेक को अब से पांच दिन यानी 17 जनवरी तक घर खरीदारों को भुगतान करने का निर्देश दिया है. सुपरटेक को चेतावनी देते हुए कोर्ट ने कहा है कि अगर उसने रुपये नहीं लौटाए तो जेल जाने को तैयार रहें. हम जेल भेज देंगे.
सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुपरटेक से कहा, 'अपने कार्यालय को व्यवस्थागत क्रम में रखें. साथ ही यह हिदायत भी दी कि कंपनी अदालती आदेश का ध्यान रखें और उनका समय से अनुपालन सुनिश्चित करें. वरना हमें आपके निर्देशकों को जेल भेजने में देर नहीं लगेगी. हमें पता है कि कोर्ट के आदेश का पालन न करने के लिए आप तमाम तरह के कारण और बहने ढूंढ रहे हैं. आप सुनिश्चित करें कि भुगतान सोमवार तक कर दिया जाए अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहिएगा.
कोर्ट ने सुपरटेक के निर्देशकों को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे आदेशों के पालन में लापरवाही बरतते हुए आप हमारे आदेश और अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया कि निवेश की वापसी पर ब्याज नहीं काटा जा सकता है.सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त, 2021 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें भवन मानदंडों के उल्लंघन के लिए नोएडा में सुपरटेक लिमिटेड की एमराल्ड कोर्ट परियोजना में 40 मंजिला ट्विन टावरों को गिराने का निर्देश दिया गया था.
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
Mozilla ने क्रिप्टो डोनेशन पर लगाई रोक, Dogecoin के को-फाउंडर को आया 'गुस्सा'Mozilla के खिलाफ लोगों का गुस्‍सा 31 दिसंबर को शुरू हुआ। कंपनी ने अपने यूजर्स को याद दिलाया कि वे Dogecoin, Bitcoin और Ether में Mozilla फाउंडेशन को दान कर सकते हैं।
और पढो »
शादीशुदा हो या नहीं, हर महिला को जबरन सेक्स से इनकार का हक : दिल्ली हाई कोर्टDelhi High Court Ruling On Sex : दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अगर 'महिला विवाहित है तो क्या उसे असहमति से बनाए जाने वाले यौन संबंध को ‘ना’ कहने का अधिकार नहीं है?'
और पढो »
झारखंड हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी- गिरफ्तारी पर क्या SOP, पुलिस को कानून तक नहीं मालूमझारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High court) ने पुलिस की कार्यशैली पर टिप्पणी करते हुए कहा कि झारखंड पुलिस को गिरफ्तारी संबंधी कानून का पूरा कैप्सूल कोर्स करवाना चाहिए. कोर्ट ने यह टिप्पणी एक हैवियस कॉपर्स के मामले में सुनवाई के दौरान की.
और पढो »
सुप्रीम कोर्ट ने समझा यौन कर्मियों का दर्द, जारी किए ये जरूरी निर्देशकई यौनकर्मियों को नाको के पास मौजूद लिस्ट से बाहर रखा गया है. इसकी वजह यह है कि योजना के अनुसार समुदाय में न्यूनतम 1,000 यौनकर्मी होने चाहिए जिसके आधार पर नाको लिस्ट तैयार करेगा.
और पढो »
CM शिवराज, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को नोटिस: जबलपुर एडीजे कोर्ट ने मांगा जवाब; सांसद तन्खा ने 10 करोड़ का मानहानि दावा लगाया थाओबीसी प्रकरण में कांग्रेस नेता एवं राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा पर गलत बयानबाजी के मामले में सोमवार को जबलपुर जिला कोर्ट ने नोटिस जारी किया। कोर्ट ने मामले में सीएम शिवराज सिंह, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और मंत्री भूपेंद्र सिंह से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी। | Defamation case filed by Rajya Sabha MP Tankha - Jabalpur ADJ court issued notice to CM, State President VD Sharma and Minister Bhupendra Singh and sought answers, next hearing will be held on February 25
और पढो »
हाईकोर्ट की टिप्पणी: वैवाहिक दुष्कर्म को मामलों में दोषी को प्रथम दृष्टया दंडित किया जाना चाहिएहाईकोर्ट की टिप्पणी: वैवाहिक दुष्कर्म को मामलों में दोषी को प्रथम दृष्टया दंडित किया जाना चाहिए HighCourt Delhi CrimeNews
और पढो »