सूखे और आवारा जानवरों से हैं परेशान? करें इस औषधीय पौधे की खेती! बन जाएंगे लखपति

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सूखे और आवारा जानवरों से हैं परेशान? करें इस औषधीय पौधे की खेती! बन जाएंगे लखपति
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Satavar Farming : आवारा जानवरों के कारण किसानों का खेती से मोहभंग हो रहा है. आवारा जानवरों के कारण फसल को काफी नुकसान होता है. लेकिन औषधीय खेती कर किसान अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं. खास बात यह है कि शतावर की फसल को आवारा पशु भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.

जिला उद्यान अधिकारी डॉ. पुनीत कुमार पाठक ने बताया कि अगर आप आवारा जानवरों के आतंक से परेशान हैं, तो आप सतावर की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. सतावर की खेती के लिए बेहद कम सिंचाई की आवश्यकता होती है. इसके साथ आप सहफसली भी कर सकते हैं. इसकी मांग बाजार में काफी रहती है. सतावर को आवारा जानवर भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाते. सतावर की जड़ ही इसकी मुख्य उपज होती है हालांकि इससे बीज उत्पादन भी मिलता है. डॉ.

यह किस्म कई सामान्य बीमारियों जैसे कि फंगस और बैक्टीरिया के संक्रमण के प्रति अधिक प्रतिरोधी है. एनडीएएस -24 किस्म कम पानी वाली परिस्थितियों में भी अच्छी तरह से उग सकती है, जो सूखे वाले क्षेत्रों के किसानों के लिए फायदेमंद है. इस किस्म से किसानों को 7 से 8 टन तक सूखी जड़ का उत्पादन मिलता है. आरएस-LG-11 : सतावर की एक उन्नत किस्म है, जिसे उच्च उपज और गुणवत्ता के लिए पसंद किया जाता है. यह किस्म कई मायनों में अन्य किस्मों से बेहतर मानी जाती है. यह 6 से 7 टन प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देती है.

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