यह कहानी सोमवती अमावस्या के दिन ब्राह्मण की कन्या और धोबिन के बीच हुई कृपा को दर्शाती है.
सर्वगुण समपन्न ब्रह्माण की कन्या का विवाह नहीं हो पा रहा था. एक साधु ने ब्राह्मण को कहा कि उसकी कन्या पास के गांव में सोना नाम की धोबिन के घर जाकर उसकी सेवा करे. अगर धोबिन उसे अपना सुहाग दे दे तो उसकी कन्या का विवाह हो सकता है. कन्या ने धोबिन के घर जाकर उसकी सेवा का प्रण लिया और रोज सुबह सूर्योदय से पहले धोबिन के घर जाती, काम कर के चुपचाप वापस आ जाती. एक दिन धोबिन को उसकी बहू की सेवा पर यकीन नहीं हुआ और उन्होंने देखा कि एक कन्या धोबिन के घर जाकर काम कर रही है. कन्या ने अपनी कहानी बताई.
सोना को कन्या पर दया आ गई और अगली सुबह उसने सुहाग देने की बात कही
धर्म सोमवती अमावस्या ब्राह्मण कन्या धोबिन
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