जबलपुर और उज्जैन में सोमवती अमावस्या पर कड़ाके की ठंड में भी श्रद्धालुओं का नर्मदा और शिप्रा नदियों में स्नान करने का सिलसिला जारी रहा। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से आए पर्यटकों ने भी जबलपुर में नर्मदा नदी में डुबकी लगाई।
विदेशी पर्यटक भी ग्वारीघाट में स्नान किया; बोले- फैंटास्टिक एक्सपीरियंस जबलपुर और उज्जैन में सोमवती अमावस्या के मौके पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया। विदेशी पर्यटक भी इसमें शामिल हुए। उज्जैन में कड़ाके की ठंड में सोमवती अमावस्या पर सोमवार को मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में श्रद्धालु बड़ी संख्या में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। इस दौरान कुछ भक्त सोमती कुंड में भी स्नान कर रहे हैं। यहां रात का तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसकेइसी तरह जबलपुर में नर्मदा नदी के ग्वारीघाट पर भी स्नान के लिए बड़ी
संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यहां ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से आए पर्यटकों ने भी नर्मदा नदी में डुबकी लगाई।ग्रामीण क्षेत्रों से आए श्रद्धालु उज्जैन के सोमकुंड में स्नान कर तीर्थ पर दान-पुण्य और पितृ कर्म कर रहे हैं। सुबह से ही श्रद्धालु रामघाट पर डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। महाकाल मंदिर सहित शहर के अन्य मंदिरों में भी दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है। शिप्रा घाट की ओर जाने वाले रास्ते पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं। सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में पर्व स्नान की व्यवस्था की गई है। सोमवती अमावस्या पर शिप्रा नदी के साथ-साथ सोमकुंड में भी स्नान करने की परंपरा भी है। शिप्रा घाट पर पंडितों ने घाट के ऊपर स्थित धर्मशाला में पितरों के निमित्त पिंडदान और तर्पण कराया।शिप्रा के रामघाट पर पूजा करती महिला श्रद्धालु।सोमवती अमावस्या पर सोमकुंड में स्नान के बाद श्री सोमेश्वर-जलपेश्वर महादेव के दर्शन कर पूजन का विधान है। मान्यता है कि इससे मनुष्य की जन्म पत्रिका में मौजूद चंद्रमा के दोष खत्म हो जाते हैं और अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है।ग्वारीघाट में सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने पहुंच रहे।पढ़ें पूरी खबर दैनिक भास्कर ऐप परनए साल में बढ़ेगी ठिठुरन...चलेगी शीतलहरठंड के बीच श्रीदिगंबर की 17 दिन से अनूठी तपस्यादौसा में कडाके की ठंड का दौ
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