मार्च, 2011 में जब रतन टाटा के उत्तराधिकारी की तलाश के लिए कई उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया गया था. रतन टाटा नहीं चाहते थे कि नोएल को न चुने जाने की स्थिति में उन्हें उनके विरोधी के रूप में देखा जाए.
नई दिल्ली. लंबे समय तक टाटा संस की अगुवाई करने वाले दिवंगत कारोबारी रतन टाटा को लगता था कि उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को उनका उत्तराधिकारी बनने के लिए और अधिक अनुभव की आवश्यकता है. हाल ही में जारी किताब, ‘ रतन टाटा ए लाइफ’ में यह बात कही गई. नोएल टाटा को हाल में रतन टाटा की मृत्यु के बाद टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया गया. यह ट्रस्ट अप्रत्यक्ष रूप से 165 अरब अमेरिकी डॉलर के टाटा समूह को नियंत्रित करता है.
ये भी पढ़ें- C-295 Manufacturing : रतन टाटा के रहते हो गया था अहम काम, नोएल टाटा करेंगे पूरा, 2 साल में दिखने लगेगा रिजल्ट भाई की वजह से चयन समिति से रहे दूर किताब में कहा गया कि रतन टाटा चयन समिति से इसलिए दूर रहे, क्योंकि टाटा समूह के भीतर से कई उम्मीदवार थे, और वह उन्हें यह भरोसा देना चाहते थे कि एक सामूहिक निकाय सर्वसम्मति से निर्णय के आधार पर उनमें से किसी एक की सिफारिश करेगा.
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