साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पार्टी की पारंपरिक सीट अमेठी से हराकर स्मृति इरानी चर्चा के केंद्र में थीं. पांच साल बाद हुए चुनाव में स्मृति इरानी न केवल अमेठी सीट हार गई हैं बल्कि उन्हें ज़िले की सभी पांचों विधानसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है.
लोकसभा चुनाव को लेकर सबसे चौंकाने वाले परिणाम उत्तर प्रदेश के रहे. इंडिया गठबंधन ने सारे अनुमान और एग्ज़िट पोल को ग़लत साबित करते हुए बीजेपी के अकेले पूर्ण बहुमत हासिल करने की राह में रोड़ा डाल दिया है.
यहां तक कि बीजेपी के लिए प्रचार करने वाले सपा के बाग़ी विधायक राकेश प्रताप सिंह और महाराजी देवी के विधानसभा क्षेत्र से भी बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा. स्मृति इरानी ने 2019 में जब राहुल गांधी को हराया था, उसके बाद से राहुल गांधी का अमेठी आना बंद हो गया था. किशोरी लाल शर्मा रायबरेली में सोनिया गांधी और अमेठी में राहुल गांधी के सांसद प्रतिनिधि के रूप में काम कर चुके थे, लेकिन पार्टी उन्हें अमेठी से चुनाव मैदान में उतार देगी, इसका अंदाज़ा किसी को नहीं था.
वहीं गंगा शंकर मिश्र ने कहा, "जो परिणाम आया है वो पहले से तय था कि यहाँ से कांग्रेस को ही जीतना है चूंकि पिछली बार राहुल गांधी चुनाव हार गए थे इसलिए इस बार जनता ने कर्ज़ चुकाने के लिए किशोरी लाल शर्मा को चुनाव जितवाया है. स्मृति इरानी और उनके स्थानीय प्रतिनिधि की कार्यशैली से लोगों को नाराज़गी थी इसलिए भी उनकी हार हुई."अमेठी के एक युवा ने कहा, "मेरा नाम अमेठीयन है क्योंकि हम अमेठी के निवासी हैं यही हमारी पहचान है.
स्थानीय निवासी संजय कुमार शर्मा इलाके में आवारा पशुओं की समस्या को रेखांकित करते हुए कहते हैं, "किसान छुट्टा जानवरों से परेशान है. सरकार पांच किलो राशन देती है लेकिन पांच बीघा फसल जानवर खा जाते हैं. पहले जिन खेतों में पांच क्विंटल राशन होता था अब उसमे एक भी क्विंटल नहीं होता है अगर किसान रातभर खेत ताकेगा तो दिन में काम कैसे कर पाएगा. इसीलिए जनता ने बीजेपी को नकार दिया है."
अमेठी से समाजवादी पार्टी के कोषाध्यक्ष जैनुल हसन ने कहा, "स्मृति इरानी का कोई भी काम धरातल पर नहीं दिखा और पिछले पांच सालों में सिर्फ़ अमेठी की ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की जनता भारतीय जनता पार्टी से ऊब चुकी थी. जनता ने बहकावे में आकर 2019 में भाजपा को वोट दे दिया था."
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
राहुल को मिला रायबरेली से आशीर्वाद, मां सोनिया से ज्यादा मिल रहे हैं वोटराहुल वर्ष 2004 से 2019 तक अमेठी से कांग्रेस के सांसद रहे, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें अमेठी से भाजपा की स्मृति ईरानी के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था.
और पढो »
कौन जीतेगा अमेठी? बीजेपी या कांग्रेस; ग्राउंड रिपोर्ट में जानिए VVIP सीट का हालAmethi Lok Sabha Elections 2024: अमेठी में इस बार मुकाबला बीजेपी की स्मृति इरानी और कांग्रेस के केएल शर्मा के बीच है।
और पढो »
Khabron Ke Khiladi: आकाश आनंद को पद से हटाकर क्या संदेश देना चाहती हैं मायावती? जानें खबरों के खिलाड़ी सेक्या लोकसभा चुनाव के बीच मायावती ने आकाश आनंद को पद और जिम्मेदारियों से हटाकर कोई संकेत देने की कोशिश की है। उनके इस कदम के मायने क्या हैं?
और पढो »
Lok Sabha Election के रिजल्ट आने के बाद प्रशांत किशोर की आई पहली प्रतिक्रिया, खाई ये कसमलोकसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी की थी कि भारतीय जनता पार्टी की सीटों की संख्या 2019 के 303 के करीब या उससे भी अधिक हो सकती है.
और पढो »
Haryana Lok Sabha Chunav 2024: जेजेपी में बगावत, देवीलाल के पड़पोते के सामने पार्टी का वजूद बचाने की चुनौतीHaryana JJP lok sabha candidates list 2024: विधायकों की बगावत के बाद जननायक जनता पार्टी मुश्किल में है। क्या पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 में अच्छा प्रदर्शन कर पाएगी?
और पढो »
Lok Sabha Chunav 2024: घोटाले और यौन उत्पीड़न के चार मामले जिनसे बदल गया इस बार का चुनावी माहौलBJP lok sabha candidates list 2024: लोकसभा चुनाव में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की वजह से क्या पार्टी को नुकसान हो सकता है?
और पढो »