सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि किसी व्यक्ति के स्वामित्व वाला प्रत्येक संसाधन केवल इसलिए भौतिक संसाधन की पूर्ति नहीं करता है, क्योंकि वह समुदाय की आवश्यकताओं को पूरा करता है.
सुप्रीम कोर्ट ने निजी संपत्ति विवाद में बड़ा फैसला सुनाया है. इस मामले में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी निजी संपत्ति समुदाय के भौतिक संसाधन नहीं. कुछ निजी संपत्ति समुदाय के भौतिक संसाधन हो सकती हैं. ये 9 जजों के संविधान पीठ का फैसला है, जिसने 1978 से लेकर अभी तक के सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले पलट दिये हैं. सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूंड़ की अगुवाई वाली 9 जजों की बेंच दशकों पुराने इस विवाद पर अपना फैसला सुनाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 1960 और 70 के दशक में समाजवादी अर्थव्यवस्था की ओर झुकाव था, लेकिन 1990 के दशक से बाजार उन्मुख अर्थव्यवस्था की ओर ध्यान केंद्रित किया गया. भारत की अर्थव्यवस्था की दिशा किसी विशेष प्रकार की अर्थव्यवस्था से दूर है, बल्कि इसका उद्देश्य विकासशील देश की उभरती चुनौतियों का सामना करना है.सीजेआई ने कहा, सभी निजी संपत्ति समुदाय के भौतिक संसाधन नहीं. कुछ निजी संपत्ति समुदाय के भौतिक संसाधन हो सकती हैं. 9 जजों के संविधान पीठ का फैसला.
Supreme Court Article 39 B Mumbai Land Owners Association Personal Property Law निजी संपत्ति सुप्रीम कोर्ट
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