सब-इंस्पेक्टर शांथप्पा आज अपने गांव के लिए मिसाल बन चुके हैं। एक लड़का, जिसके पिता महज एक साल की उम्र में उसका साथ छोड़ गए। जिसकी मां ने उसे पढ़ाने के लिए खेतों में मजदूरी की, उस लड़के ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली है। शांथप्पा यूपीएससी की परीक्षा में सात बार फेल हुए, लेकिन उनका हौसला नहीं...
नई दिल्ली: किसी लक्ष्य को हासिल करने की जिद किस हद तक जा सकती है? आप कहेंगे कि ये तो जिद करने वाली के हौसले पर निर्भर करता है। अगर हौसला मजबूत है तो जिद भी लंबी चलेगी, वरना कहीं बीच में ही बिखरकर टूट जाएगी। लेकिन जरा सोचिए, एक इंसान...
मिलिए 'जिगरे वाले' IAS रंजीत सेमां ने खेतों में मजदूरी कर पढ़ायासब-इंस्पेक्टर शांथप्पा इस वक्त बेंगलुरु सिटी पुलिस कमिश्नर कार्यालय से जुड़े कमांड सेंटर में तैनात हैं। उनकी रैंक को देखते हुए उन्हें आईपीएस या आईआरएस अधिकारी के तौर पर सेलेक्ट किया जा सकता है। हालांकि, शांथप्पा के यहां तक पहुंचने की राह आसान बिल्कुल नहीं थी। बेल्लारी जिले के एक गुमनाम गांव- होसा जेनिकेहल से आने वाले शांथप्पा का बचपन मुश्किलों से भरा था। वो एक साल के थे, जब सर से पिता का साया उठ गया। घर के आर्थिक हालात ठीक...
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