हिंडनबर्ग रिसर्च बंद होने जा रही है: नाथन एंडरसन ने की घोषणा

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हिंडनबर्ग रिसर्च बंद होने जा रही है: नाथन एंडरसन ने की घोषणा
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हिंडनबर्ग रिसर्च, जो अडाणी समूह जैसे बड़े समूहों पर रिपोर्ट्स प्रकाशित करने के लिए जानी जाती थी, अब बंद होने जा रही है। कंपनी के मालिक नाथन एंडरसन ने 15 जनवरी 2025 की देर रात यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि कंपनी को बंद करने का फैसला काफी विचार-विमर्श और सोच-समझकर किया गया है।

भारतीय अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद, अडानी समूह को करीब 7 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर अत्यधिक ऋण लेने, शेयर बाजार और निवेश में हेरफेर करने का आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट के बाद अडानी समूह को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। अब, हिंडनबर्ग रिसर्च बंद होने जा रही है। कंपनी के मालिक नाथन एंडरसन ने 15 जनवरी 2025 की देर रात यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि कंपनी को बंद करने का फैसला काफी विचार-विमर्श और सोच-समझकर किया गया है। उन्होंने दावा किया

कि उन्होंने उन एम्पायर्स को हिला दिया, जिन्हें हिलाने की आवश्यकता थी।\हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन ने 15 जनवरी 2025 की देर रात एक नोट जारी किया, लेकिन इसे बंद करने का कारण स्पष्ट रूप से नहीं बताया। उन्होंने लिखा, 'कोई खास बात नहीं है, कोई खास खतरा नहीं, कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं और कोई बड़ा व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है।' वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए इंटरव्यू में एंडरसन ने कहा, 'मुझे लगता है कि मैंने और हिंडनबर्ग ने वो सब हासिल कर लिया है जो हमने टारगेट किया था। पब्लिक और प्राइवेट मार्केट में धोखाधड़ी, हेराफेरी जैसे मुद्दों का पता लगाकर बिजनेस बनाना मुमकिन है। मुझे उम्मीद है कि हम जल्द ही कंपनी से जुड़ी चीजें साझा करेंगे, ताकि दूसरे लोग हिंडनबर्ग की स्ट्रैटजी का इस्तेमाल कर सकें।' एंडरसन ने कहा, 'मैंने पिछले 8 साल में ज्यादा समय या तो किसी लड़ाई में या अगली लड़ाई की तैयारी में बिताया है। अब मैं अपने शौक पूरे करने, घूमने, अपनी मंगेतर और बच्चे के साथ समय बिताने के लिए उत्सुक हूं। मैंने फ्यूचर के लिए काफी पैसा कमा लिया है।\हिंडनबर्ग लॉन्च कब हुई थी और इसका काम क्या था? फाइनेंस और डेटा एनालिस्ट की नौकरी करते हुए नाथन एंडरसन समझ चुके थे कि शेयर बाजार और कंपनियों में काफी कुछ ऐसा हो रहा है जो आम लोगों की समझ से बाहर है। नतीजतन एंडरसन के दिमाग में फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी शुरू करने का आइडिया आया। इसका परिणाम 2017 में दिखा जब एंडरसन ने हिंडनबर्ग नाम से इस कंपनी की शुरुआत की। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, हिंडनबर्ग में ब्लूमबर्ग और सीएनएन जैसे मीडिया ऑर्गनाइजेशन के पूर्व पत्रकार और एनालिस्ट काम करते थे। पूरी टीम में कुल 11 लोग थे, जो 6 महीने या उससे ज्यादा समय में एक डिटेल्ड रिसर्च रिपोर्ट तैयार करते थे। हिंडनबर्ग को करीब 10 अमीर निवेशक फर्में पैसा देती थीं। इनमें से कुछ हिंडनबर्ग के साथ मार्केट में पैसा भी लगाती थीं। हालांकि एंडरसन ने अपने इन्वेस्टर्स के नाम बताने से इनकार कर दिया था। उन्होंने अपनी फर्म के बारे में कहा, 'यह एक सफल फर्म बन गई है, लेकिन शुरुआत में यह अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल था कि इससे कुछ भी हासिल होगा।' 39 साल के नाथन एंडरसन एक प्रोफेसर और एक नर्स के बेटे हैं। उनका बचपन अमेरिका के कनेक्टिकट राज्य के एक छोटे शहर में गुजरा। कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से उन्होंने इंटरनेशनल बिजनेस सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन किया। ​​कॉलेज के दौरान कुछ समय के लिए एंडरसन इजराइल में रहे। यहां उन्होंने हिब्रू यूनिवर्सिटी में क्लास लेते हुए पैरामेडिक स्टाफ के तौर पर काम किया। कॉलेज के बाद एंडरसन ने नौकरी तलाशी। 'फैक्टसेट' नाम की फाइनेंशियल एनालिटिक्स कंपनी में पहली नौकरी शुरू हुई। यहां वो कंपनी के क्लाइंट्स को सेल्स और टेक्निकल सलाह देते थे। बाद में उन्होंने अमीर परिवारों की इन्वेस्टमेंट फर्मों के लिए काम किया, जहां वे वित्तीय लेने-देन की ऑडिटिंग और वेरिफिकेशन करते थे। नौकरी करते हुए एंडरसन ने डेटा और शेयर मार्केट की बारीकियों को समझा। उन्हें इस बात का अंदाजा था कि शेयर मार्केट दुनिया के पूंजीपतियों का सबसे बड़ा अड्डा है। शुरुआत में उन्होंने शेयर मार्केट में निवेश में गड़बड़ियों पर नजर बनाई। कभी-कभी वे मशहूर फोरेंसिक अकाउंटेंट हैरी मार्कोपोलोस के साथ काम करते। एंडरसन ने उन्हें अपना रोल मॉडल माना। 2017 में उन्होंने ‘हिंडनबर्ग’ की शुरुआत कर दी। न्यूयॉर्क के मैनहट्टन शहर के मिडटाउन इलाके में 'वीवर्क' का दफ्तर था, यहां से काम करते हुए एंडरसन ने छोटी कंपनियों के शेयरों पर दांव खेला। उन्हें पैसों की जरूरत थी। दरअसल इस दौरान उन्होंने कर्ज लिया था, जो बढ़ता जा रहा था। ऐसे में उन्हें मैनहट्टन के अपार्टमेंट से बेदखल किए जाने का खतरा था। यहां वो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहते थे। दिसंबर 2018 में एंडरसन की किस्मत चमकी। मेडिकल कंपनी 'एफ्रिया' पर उन्होंने एक रिपोर्ट लिखी और कंपनी पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए। रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद एफ्रिया के शेयरों में 30% की गिरावट आई। इस दौरान एंडरसन ने शेयर मार्केट से मुनाफा कमाया

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