हिंदी हैं हम: मर्त्य**

साहित्य समाचार

हिंदी हैं हम: मर्त्य**
मनुष्यपरोपकारसहानुभूति
  • 📰 Amar Ujala
  • ⏱ Reading Time:
  • 26 sec. here
  • 7 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 31%
  • Publisher: 51%

मनुष्यता और परोपकार के बारे में मैथिलीशरण गुप्त की कविता के साथ शब्द 'मर्त्य' का अर्थ बताता है।

'हिंदी हैं हम' शब्द शृंखला में आज का शब्द है- मर्त्य, जिसका अर्थ है- मनुष्य , शरीर। प्रस्तुत है मैथिलीशरण गुप्त की कविता- वही मनुष्य है विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी¸ मरो परन्तु यों मरो कि याद जो करे सभी। हुई न यों सु–मृत्यु तो वृथा मरे¸ वृथा जिये¸ मरा नहीं वहीं कि जो जिया न आपके लिए। यही पशु–प्रवृत्ति है कि आप आप ही चरे¸ वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।। उसी उदार की कथा सरस्वती बखानती¸ उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती। उसी उदार की सदा...

वही उदार है परोपकार जो करे¸ वहीं मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।। रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में, सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में| अनाथ कौन हैं यहाँ? त्रिलोकनाथ साथ हैं, दयालु दीनबन्धु के बड़े विशाल हाथ हैं| अतीव भाग्यहीन है अधीर भाव जो करे, वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।। अनंत अंतरिक्ष में अनंत देव हैं खड़े¸ समक्ष ही स्वबाहु जो बढ़ा रहे बड़े–बड़े। परस्परावलम्ब से उठो तथा बढ़ो सभी¸ अभी अमर्त्य-अंक में अपंक हो चढ़ो सभी। रहो न यों कि एक से न काम और का...

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

Amar Ujala /  🏆 12. in İN

मनुष्य परोपकार सहानुभूति दया उदारता

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

परिवर्तन: सुमित्रानंदन पंत की कवितापरिवर्तन: सुमित्रानंदन पंत की कविताहिंदी हैं हम शब्द श्रंखला में आज का शब्द है विवर्तन जिसका अर्थ है चक्कर लगाना, घूमना, टहलना। सुमित्रानंदन पंत की कविता परिवर्तन के कुछ अंश प्रस्तुत हैं।
और पढो »

विवर्तन: चक्कर लगाना, घूमना, टहलनाविवर्तन: चक्कर लगाना, घूमना, टहलनाहिंदी हैं हम शब्द शृंखला में आज का शब्द विवर्तन है, जिसका अर्थ है चक्कर लगाना, घूमना, टहलना। इस अवसर पर सुमित्रानंदन पंत की कविता परिवर्तन का अंश प्रस्तुत है।
और पढो »

हिंदी हैं हम शब्द शृंखलाहिंदी हैं हम शब्द शृंखलाहिंदी हैं हम शब्द शृंखला में आज का शब्द है विवर्तन, जिसका अर्थ है चक्कर लगाना, घूमना, टहलना। प्रस्तुत है सुमित्रानंदन पंत की कविता परिवर्तन।
और पढो »

हिंदी हैं हम: परिवर्तन शब्दहिंदी हैं हम: परिवर्तन शब्दहिंदी हैं हम शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है विवर्तन। सुमित्रानंदन पंत की परिवर्तन कविता का अंश प्रस्तुत है।
और पढो »

'हिंदी हैं हम' शब्द शृंखला: आज का शब्द- विवर्तन'हिंदी हैं हम' शब्द शृंखला: आज का शब्द- विवर्तनहिंदी हैं हम शब्द शृंखला में आज का शब्द विवर्तन है, जिसका अर्थ है चक्कर लगाना, घूमना, टहलना। प्रस्तुत है सुमित्रानंदन पंत की कविता परिवर्तन।
और पढो »

भगवतीचरण वर्मा की कविता: अनुरंजितभगवतीचरण वर्मा की कविता: अनुरंजितहिंदी हैं हम शब्द श्रृंखला में आज का शब्द 'अनुरंजित' है। प्रस्तुत है भगवतीचरण वर्मा की कविता जिसमें प्रेम और आशा के भावों को उकेरा गया है।
और पढो »



Render Time: 2025-02-15 19:32:45