हिन्दू धर्म में कलावा बांधने का महत्व और नियम

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हिन्दू धर्म में कलावा बांधने का महत्व और नियम
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इस लेख में हिन्दू धर्म में कलावा बांधने के महत्व, नियमों और विशेष कारणों का वर्णन किया गया है। यह बताता है कि पुरुष और कुवारी कन्याएं दाएं हाथ में जबकि विवाहित महिलाएं बाएं हाथ में कलावा बांधती हैं। यह भी बताया गया है कि कलावा बांधते समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और कलावा उतारने के नियम।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, किसी प्रकार के पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठान में हाथ में कलावा जरूरी रूप से बांधा जाता है। साथ ही कलावा बांधने से संबंधित कुछ नियम भी बताए गए हैं, जिसके अनुसार, पुरुष और कुंवारी कन्याएं दाएं हाथ में कलावा बांधती हैं, वहीं शादीशुदा महिलाओं के लिए बाएं हाथ में कलावा बांधना शुभ माना गया है। ऐसे में चलिए जानते हैं इसका कारण। ये है कारण किसी भी शुभ कार्य में दाएं हाथ का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है। इसलिए पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठान के समय...

जप भी कर सकते हैं - येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः य तेन त्वां अभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।। यह भी पढ़ें - Kalava Utarne Ke Niyam: नए साल से पहले इस दिन उतारे कलावा, यहां पढें इसके नियम और आध्यात्मिक लाभ कलावा उतारने के नियम हाथ से कलावा उतारने के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है। इसे खोलने के बाद दूसरा कलावा बांध लेना चाहिए। पुराने कलावे को इधर-उधर बिल्कुल भी नहीं फेंकना चाहिए। आप पुराने कलावे को आप पीपल के पेड़ के नीचे रख सकते हैं या फिर किसी बहते साफ जल में...

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