लोकसभा स्पीकर का चुनाव एक तरह का शक्ति प्रदर्शन होगा. इससे पहले सिर्फ 1952 और 1976 में ही स्पीकर पद के लिए चुनाव हुआ था.
आज़ादी के बाद तीसरी बार बुधवार को लोकसभा स्पीकर पद के लिए चुनाव होगा. इससे पहले सत्ताधारी गठबंधन एनडीए और इंडिया ब्लॉक से जुड़े विपक्षी दलों के बीच सोमवार और मंगलवार को तीन दौर की बातचीत के बाद भी स्पीकर पद के उम्मीदवार के नाम पर आम सहमति नहीं बन सकी. 18वीं लोकसभा का कार्यकाल शुरू होने के तीसरे ही दिन होने वाला स्पीकर का चुनाव एक तरह का शक्ति प्रदर्शन होगा. इससे पहले सिर्फ 1952 और 1976 में स्पीकर पद के लिए चुनाव हुआ था.आठ बार लोकसभा के सांसद रहे कांग्रेस नेता के. सुरेश विपक्ष के उम्मीदवार होंगे.
"सोलहवीं लोकसभा में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर दोनों सत्ताधारी दल से थे. सत्रहवीं लोकसभा में बीजेपी सांसद ओम बिड़ला पहली बार स्पीकर बने, जबकि डिप्टी स्पीकर का पद पांच साल तक खाली रहा.ओम बिड़ला एक छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती दिनों से ही भाजपा से जुड़े रहे हैं. वो राजस्थान के कोटा संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं और हाल ही में लगातार तीसरी बार चुने गए.
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