दिल्ली हाईकोर्ट ने एएनआई समाचार एजेंसी से जुड़े मानहानि मामले में विकिपीडिया की अपील पर सुनवाई करते हुए कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि किसी समाचार एजेंसी के लिए खुफिया एजेंसी या सरकार की कठपुतली कहे जाने से बुरा कुछ नहीं हो सकता। पीठ ने कहा कि एएनआई को खुफिया एजेंसी का पिट्ठू कहा जाता है। उसे ऐसे ही नहीं छोड़ा जा सकता उसे अपना बचाव करना...
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। एएनआई समाचार एजेंसी से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि किसी समाचार एजेंसी के लिए खुफिया एजेंसी या सरकार की कठपुतली कहे जाने से बुरा कुछ नहीं हो सकता। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने टिप्पणी की कि एकल पीठ ने विवादित आदेश पारित करने से पहले बहुत सावधानी बरती थी और मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए विकिपीडिया को पर्याप्त समय दिया था। हालांकि, विकिपीडिया ऐसा करने में विफल रहा। पीठ ने कहा कि एकल पीठ ने...
अगर यह सच है, तो उसकी विश्वसनीयता खत्म हो जाती है। पीठ ने कहा कि अगर एएनआई को खुफिया एजेंसी का पिट्ठू कहा जाता है तो उसे ऐसे ही नहीं छोड़ा जा सकता, उसे अपना बचाव करना होगा। सुनवाई 28 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी इसके साथ ही पीठ ने दोनों पक्षों को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 28 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी। पूरा मामला एएनआई की मानहानि मामले से जुड़ा है, जिसमें दावा किया गया है कि उसके प्लेटफार्म के विकिपीडिया पृष्ठ पर अपमानजनक संपादन करने वाले यूजर्स के बारे में जानकारी को...
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