कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध एक अपील पर फैसला सुरक्षित रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निजी फर्मों को दिया गया काम का ठेका बिना कारण बताए रद नहीं किया जाना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि निजी फर्म ठेका हासिल करने के बाद निवेश करती हैं और रिटर्न मिलने की उनकी उम्मीद...
पीटीआई, नई दिल्ली। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध एक अपील पर फैसला सुरक्षित रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि निजी फर्मों को दिया गया काम का ठेका बिना कारण बताए रद नहीं किया जाना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि निजी फर्म ठेका हासिल करने के बाद निवेश करती हैं और रिटर्न मिलने की उनकी उम्मीद उचित होती है। प्रधान न्यायाधीश ने क्या कहा? प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि किसी ठेके को बिना कोई कारण बताए कैसे रद किया जा सकता...
रखरखाव का ठेका हासिल किया था। ठेके के तहत फर्म को अंडरपास के अंदर और ऊपर दोनों जगह विज्ञापन लगाने की अनुमति दी गई थी, जिसके लिए उसे कुछ निर्माण कार्य करने की जरूरत थी, लेकिन केएमडीए ने सात फरवरी, 2023 को ठेका रद कर दिया था। केएमडीए ने स्पष्ट किया था कि वह राठौड़ द्वारा जमा की गई लाइसेंस फीस और निर्माण गतिविधि, रखरखाव आदि पर खर्च की गई धनराशि वापस कर देगा। केएमडीए की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अब नया ठेका दूसरी फर्म को दिया गया है और राठौड़ को मुआवजा दिया...
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