1857 में वीर सपूतों ने छुड़ाए थे अंग्रेजों के छक्के, गुरिल्ला युद्ध करके फतेहपुर को अंग्रेजों से कराया था आज़ाद

1857 की क्रांति समाचार

1857 में वीर सपूतों ने छुड़ाए थे अंग्रेजों के छक्के, गुरिल्ला युद्ध करके फतेहपुर को अंग्रेजों से कराया था आज़ाद
1857 Revolution1857 Freedom Struggle1857 Revolt In India
  • 📰 NBT Hindi News
  • ⏱ Reading Time:
  • 26 sec. here
  • 9 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 38%
  • Publisher: 51%

1857 के गदर में जिले के क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों को लोहे के चने चबवा दिए थे।सभी क्रांतिकारियों ने मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध किया। इस युद्ध मे क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए और जिले को आजाद करवा लिया था। हालांकि यह स्वतंत्रता महज 24 घंटे की ही रही। इसके बाद अंग्रेजों ने धोखे से आक्रमण कर जिले में फिर से कब्जा कर...

इरशाद सिद्दीकी, फतेहपुर: 1857 की क्रांति से लेकर भारत की स्वतंत्रता मिलने तक जिले के क्रांतिकारी कभी पीछे नहीं हटे। वीर सपूतों ने अंग्रेजों से डटकर मुकाबला किया था। 1857 के गदर की बात की जाए तो जिले के ठाकुर दरियाव सिंह, जोधा सिंह अटैया, ठाकुर शिवदयाल सिंह, हिकमतुल्ला खां सहित सैकड़ों क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा कर लोहे के चने चबवा दिए थे। क्रांतिकारियों के कौशल को देख कर छूट गए थे पसीने इन सभी जांबाज़ वीर सपूतों ने मिलकर अपने ग्रामीण हथियारों और युद्ध कौशल के दम पर ब्रिटिश हुकूमत...

आज़ादी महज 24 घंटे की ही रही। इसके बाद अंग्रेजों ने धोखे से आक्रमण कर जिले की कमान फिर से हथिया ली थी। अमर गाथाओं को याद करते हैं लोगजिले में लगी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की मूर्तियां हमेशा उनकी गौरव गाथा को याद दिलाती रहती हैं। शहीदों की यादों में उनकी अमर गाथाएं हमेशा लोगों के दिलों में जीवंत हैं। वहीं कुछ विशेष आयोजनों में समय-समय पर लोग पहुंचकर वीर योद्धाओं को नमन कर उनकी अमर गाथाओं को याद करते रहते हैं। जनपदवासियों को क्रान्तिकारियों पर नाज़ हैजिले के इन महान स्वतंत्रता सेनानियों ने 1857...

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

NBT Hindi News /  🏆 20. in İN

1857 Revolution 1857 Freedom Struggle 1857 Revolt In India 1857 Rebellion In Sultanpur 1857 का विद्रोह Fatehpur News फतेहपुर समाचार

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

Unsung Hero: देश की आजादी का मासूम मतवाला, 13 साल की उम्र में हो गया शहीदUnsung Hero: देश की आजादी का मासूम मतवाला, 13 साल की उम्र में हो गया शहीद14 अगस्त, 1942 को उत्तर प्रदेश के देवरिया की कहचरी में अंग्रेजों की गोलियों के बीच मासूम रामचंद्र विद्यार्थी ने यूनियन जैक को फाड़कर उसके स्थान पर तिरंगा झंडा फहरा दिया.
और पढो »

Kargil Vijay Diwas 2024: करगिल के वीर जवानों की कहानी, जिन्होंने छुड़ाए थे दुश्मनों के छक्केKargil Vijay Diwas 2024: करगिल के वीर जवानों की कहानी, जिन्होंने छुड़ाए थे दुश्मनों के छक्केKargil Vijay Diwas: देशभर में करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. इस युद्ध का हिस्सा रहे वीर जवानों की कहानी आज हम आपके लिए लाए हैं. करगिल युद्ध में भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान सेना के छक्के छुड़ा दिए थे और उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया था. पाकिस्तान सेना ने साल 1999 में घुसपैठ कर टाइगर हिल पर कब्जा कर लिया था.
और पढो »

Kargil War 25 Years: प्वाइंट 4875 जीतने की खुशी और पाकिस्तानी अचार की कहानी, खाने में नमक और जहर का ये कनेक्शनKargil War 25 Years: प्वाइंट 4875 जीतने की खुशी और पाकिस्तानी अचार की कहानी, खाने में नमक और जहर का ये कनेक्शनवीर चक्र से सम्मानित और युद्ध के दौरान अल्फा कंपनी की कमान संभालने वाले ब्रिगेडियर एस विजय भास्कर ने बताया कि उस दिन उत्साह कुछ अलग ही था।
और पढो »

चाइनीज कंपनी करवाती थी विदेशी नागरिकों से ठगी, CBI ने 43 लोगों को किया गिरफ्तारचाइनीज कंपनी करवाती थी विदेशी नागरिकों से ठगी, CBI ने 43 लोगों को किया गिरफ्तारलोगों के फोन, लैपटॉप में पॉप अप्स भेजकर संदिग्ध सॉफ्टवेयर डाउनलोड कराया जाता था और फिर उनके सिस्टम को रिस्टोर करने के नाम पर पैसे ट्रांसफर कराए जाते थे.
और पढो »

वह बरसते बमों के सामने डटे रहे, कहानी क्रांतिकारी हीरो राव तुला राम कीवह बरसते बमों के सामने डटे रहे, कहानी क्रांतिकारी हीरो राव तुला राम कीराव तुला राम ने 1857 के विद्रोह में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने रेवाड़ी में अंग्रेजों के खिलाफ बगावत की। अंग्रेजों के साथ हुई जंग में हारने के बाद वे तात्या टोपे के साथ जुड़े और फिर ईरान और अफगानिस्तान पहुंचकर मदद मांगी। अंततः, बीमारी के कारण काबुल में उनकी मृत्यु हो...
और पढो »

प्राचीन मंदिरों से लेकर अंग्रेजों के समय का शहीद स्थल, प्रतापगढ़ में ये फेमस जगहें जरूर घूमेंप्राचीन मंदिरों से लेकर अंग्रेजों के समय का शहीद स्थल, प्रतापगढ़ में ये फेमस जगहें जरूर घूमेंप्राचीन मंदिरों से लेकर अंग्रेजों के समय का शहीद स्थल, प्रतापगढ़ में ये फेमस जगहें जरूर घूमें
और पढो »



Render Time: 2025-02-22 16:59:53