उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में 21 जनवरी 1999 को कद्दावर नेता और दो बार विधायक रह चुके इंद्रभद्र सिंह की बम से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आश्रम चलाने वाले एक संत ज्ञानेश्वर का नाम सामने आया था।
सुल्तानपुर : उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में आज की तारीख 21 जनवरी को साल 1999 में ऐसा कांड हुआ था, जिसने दिल्ली से लेकर लखनऊ के सत्ता के गलियारों तक में हलचल पैदा कर दी थी। सुल्तानपुर न्यायालय के पास दिनदहाड़े कद्दावर नेता और दो बार विधायक रह चुके इंद्रभद्र सिंह की बम मारकर हत्या कर दी गई। इस कांड में आश्रम चलाने वाले एक संत का नाम सामने आया, जिसने खूनी अदावत को जन्म दिया। सुल्तानपुर की इसौली सीट से 1989 में जनता दल और फिर 1993 में निर्दलीय लड़कर विधानसभा चुनाव जीतने वाले इंद्रभद्र सिंह की गिनती...
सनसनीखेज वारदात में इंद्रभद्र सिंह की मौत हो गई। उस समय सूबे में कल्याण सिंह की सरकार थी। वारदात को अंजाम देने वाला हमलावर गिरफ्तार हो गया और उसने पुलिस को संत ज्ञानेश्वर का नाम बताया। दरअसल इंद्रभद्र सिंह और सदानंद तिवारी उर्फ संत ज्ञानेश्वर के बीच अदावत हो गई थी। संत ज्ञानेश्वर ने विधायक के गांव मायंग के बगल के माझावर गांव में आश्रम बनाया था। उसी गांव के रामजस यादव ने आश्रम के लिए अपनी जमीन देने का विरोध किया था। आरोप लगा कि संत ज्ञानेश्वर के शिष्यों ने रामजस यादव की हत्या कर दी। गुस्से से...
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