भारतपुर के अपना घर आश्रम में 20 साल पहले बिछड़ा कमरूद्दीन अपने परिवार से मिला है. 20 साल पहले मानसिक रूप से बीमार होकर घर से निकल गया था. परिवार ने उसे ढूँढने में असफल रहा था और उन्हें मृत मानकर अंतिम संस्कार किया था.
भारतपुर के अपना घर आश्रम में 20 साल पहले बिछड़े कमरूद्दीन का अपने परिवार से मिलना किसी चमत्कार से कम नहीं है. बिहार के नालंदा जिले के सिलाव गांव निवासी कमरूद्दीन 20 साल पहले मानसिक संतुलन खोने के बाद घर से निकल गया था. इसके बाद उसके परिजनों ने उन्हें हर जगह तलाशा, लेकिन सफलता नहीं मिली. उस समय नालंदा में बाढ़ आई हुई थी, जिससे परिवार ने मान लिया कि वे बाढ़ में बह गए होंगे. अंत उन्हें मृत मानकर इस्लामिक परंपराओं के अनुसार उनका अंतिम कर्मकांड कर दिया गया था.
परिवार ने मान लिया था मृत कमरूद्दीन के भाई बदरूद्दीन ने लोकल 18 को बताया कि उनका रांची में मानसिक उपचार चल रहा था, लेकिन सुधार न होने के कारण एक दिन अचानक से घर से निकल गए. उस समय उनका बेटा गुलजार मात्र चार वर्ष का था. परिवार ने लंबे समय तक उन्हें ढूंढा, लेकिन असफल रहे. समय बीतने के साथ परिवार ने उनकी मृत्यु को नियति मानकर स्वीकार कर लिया. इसके बाद में 20 साल बाद अमृतसर पंजाब की बे आसरा दा आसरा वेलफेयर सोसाइटी ने गंभीर मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार कमरूद्दीन को भरतपुर के अपना घर आश्रम में भर्ती कराया. 20 साल बाद आई कमरूद्दीन की खबर भरतपुर के अपना घर आश्रम में सेवा और उपचार के दौरान एक महीने के भीतर उन्होंने अपने परिवार का पता बताया. अपना घर आश्रम की टीम के सदस्य सुभाष शर्मा ने उनके बताए पते पर संपर्क किया और व्हाट्सएप के जरिए उनके परिवार को जानकारी दी. शुरू में तो परिजन उनकी जीवित होने की खबर पर विश्वास नहीं कर पाए, क्योंकि वे पहले ही उनका अंतिम संस्कार कर चुके थे. इसके बाद वीडियो कॉल के माध्यम से जब परिवार ने कमरूद्दीन को देखा, तो 20 साल के लंबे अंतराल के कारण पहचानना कठिन था. ये भी पढ़ें:- कहीं ये नया साल आपने लिए बन ना जाए बर्बादी का कारण! राजस्थान वाले हो जाए सावधान, पुलिस ने जारी किया अलर्ट पत्नी और भाई ने पहचाना लेकिन जब उनकी पत्नी मुसर्रद खातून और भाई बदरूद्दीन से बात हुई, तो पहचान हुई. इसके बाद में परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मुसर्रद खातून ने इसे किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं बताया और कहा कि यह खुदा का करिश्मा है. उसके बाद पत्नी, बेटा गुलजार, भाई और अन्य परिजन भरतपुर के अपना घर आश्रम पहुंचे. 20 साल बाद पति को देखकर पत्नी की आंखें खुशी से भर आई
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20 साल बाद घर से बिछड़े कमरूद्दीन का मिलना किसी चमत्कार से कम नहींबहारतपुर के अपना घर आश्रम में 20 साल पहले मानसिक रूप से बीमार होकर घर से निकले कमरूद्दीन का अपने परिवार से मिलना हुआ है।
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