22 महिला शक्ति की कहानी:नीना ने 70 साल पुरानी गणित की पहेली सुलझाई, मेघा ने चीन की पोल खोली; शेफाली बनीं टी20 में नंबर वन women successstories WomensDay bhaskarwithwomen
Indian Women Success Stories | International Women's Day Mahila Diwas Special 2022 And Success Storiesनीना ने 70 साल पुरानी गणित की पहेली सुलझाई, मेघा ने चीन की पोल खोली; शेफाली बनीं टी20 में नंबर वनफर्श से अर्श तक तक हमारी बेटियां बुलंदियों पर हैं। कानूनी दाव-पेंच हो या सियासी सूझबूझ, खेल का मैदान हो या आसमान में फाइटर प्लेन उड़ाना, हर मोर्चे पर बेटियां अपना परचम लहरा रही हैं। 19 साल की मैत्री पटेल देश की सबसे कम उम्र की कॉमर्शियल पायलट हैं, तो शेफाली वर्मा टी20 वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर वन...
एनी सिन्हा रॉय मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में प्रोजेक्ट सीनियर रेजिडेंट इंजीनियर हैं। वे देश की एकमात्र महिला सुरंग इंजीनियर हैं। मैकेनिकल इंजीनियर एनी ने 2009 में चेन्नई मेट्रो और 2015 में बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के साथ काम किया। उन्होंने गोदावरी नामक सुरंग-मशीन को अकेले ही चलाया और मीठी नदी के नीचे मुंबई मेट्रो के लिए बनाई जा रही 190 मीटर लंबी सुरंग तैयार की है। उन्हें 2018 में ‘इंजीनियर ऑफ द ईयर’ का सम्मान भी मिल चुका...
कृति वाइल्ड इनोवेटर अवार्ड 2021 जीतने वाली पहली भारतीय और एशियाई महिला हैं। यह अवॉर्ड वाइल्ड एलिमेंट फाउंडेशन की ओर से दिया जाता है। 41 साल की कृति 2001 से मानव-वन्यजीवों के बीच बढ़ते मुठभेड़ पर काम कर रही हैं और उनकी कोशिश इस मुठभेड़ को कम करना है। वे सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ स्टडीज में चीफ कन्सर्वेशन साइंटिस्ट हैं। साल 2020 में कृति वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
केरल की आयशा फीफा के मास्टर प्रोग्राम के लिए चुनी गईं एकमात्र भारतीय महिला हैं। उन्होंने भारत में खेल प्रबंधन क्षेत्र में महिलाओं के लिए नया रास्ता बनाया है। फीफा मास्टर के लिए 30 देशों से 30 लड़कियों का चयन हुआ है। इसके लिए दुनिया भर से 700 आवेदन आए थे। फीफा मास्टर्स प्रोग्राम में शामिल होने के लिए आयशा ने क्राउड फंडिंग के जरिए धन जुटाया। वे भारत में फीफा अंडर-17 विश्व कप के उद्घाटन में वर्कफोर्स मैनेजर रही हैं। 32 साल की आयशा पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर...
प्राजक्ता को भारत की पहली ‘UNDP युवा जलवायु चैंपियन’ बनाया गया है। विभिन्न वैश्विक सामाजिक अभियानों के जरिए मानसिक स्वास्थ्य, बालिका शिक्षा और महिलाओं के अधिकारों के लिए योगदान पर उन्हें यह उपाधि दी गई है। वे डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर और यूट्यूबर हैं और अपने यूट्यूब चैनल ‘मोस्टलीसेन’ से पहचानी जाती हैं। उनके चैनल पर 65 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं। वे यूट्यूब की ‘क्रिएटर्स फॉर चेंज’ पहल की ग्लोबल एंबेसडर भी...