97 शहरों से बहती है गंगा, कैसे बनी राष्ट्रीय नदी, यूपी के लिए है लाइफलाइन

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97 शहरों से बहती है गंगा, कैसे बनी राष्ट्रीय नदी, यूपी के लिए है लाइफलाइन
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भारत की संस्कृति ऐसी है, जहां नदियों को देवी मानकर पूजा की जाती है. नदियों की बात आती है तो सबसे पहला नाम गंगा का याद आता है. यह भारत की सबसे पवित्र और प्रमुख नदियों में से एक है. गंगा नदी का धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व बहुत ज्यादा है.

भारत की सबसे पवित्र नदियों में गंगा का नम सबसे पहले लिया जाता है. यह नदी हिमालय पर्वत के गोमुख से निकलकर उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरती हुई बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है.गंगा कार्य योजना के मकसद को पूरा करने के लिए इसे साल 2008 में राष्ट्रीय नदी का दर्जा दिया गया था. तब से इसे राष्ट्रीय प्रतीक के तौर पर देखा जाता है.गंगा कार्य योजना की शुरुआत 1986 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने की थी.

यह उत्तराखंड में 110 किलोमीटर, यूपी में 1450 किलोमीटर, बिहार में 445 किलोमीटर और पश्चिम बंगाल में 520 किलोमीटर होकर बहती है.गंगा नदी की औसत गहराई 16 मीटर यानी 52 फीट है. यह अधिकतम 30 मीटर यानी 100 फीट तक है. गंगा नदी साल भर एक बड़े क्षेत्र के लिए सिंचाई का प्रमुख जरिया हैं.गंगा की कई सहायक नदियां भी हैं. जिसमें यमुना, रामगंगा, घाघरा, गंडक, कोसी और महानदा शामिल है. यह नदी सागर द्वीप के पास बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है.

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