Agriculture Tips: छत्तीसगढ़ में धान की फसल की पत्तियां अब लहराने लगी हैं, और पत्तियों में बलिया भी आ रही है. वहीं, लगातार बदलते मौसम में किसानों को धान की फसल में मकड़ी, शीथरॉड, और बदरा बीमारी का सामना करना पड़ रहा है. पौधों के तने और ऊपरी भाग इस बीमारी द्वारा प्रभावित होते हैं.
जांजगीर चांपा जिले में धान फसल में कीट के प्रकोप से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. वृद्धि अवस्था में यह रोग तने पर भूरे धब्बे के रूप में दिखाई देता है. इस बदरा में धान के बलिया के अंदर चावल नहीं बन पाती है. वहीं, इन बीमारियों की पहचान और उनसे बचाव के लिए किस दवा का छिड़काव करें, इस पर कृषि कीट वैज्ञानिक ने क्या बताया है.
लेकिन जब उस पौधे से बालियां निकलती हैं, तो वह पूरी तरह से लाल होती हैं और उसके अंदर कुछ नहीं रहता है. इसे किसान मकड़ी की बीमारी समझ रहे हैं और मकड़ी नाशक दवाई का उपयोग कर रहे हैं. वहीं, कीट वैज्ञानिक ने किसानों के लिए कहा कि अगर किसान मकड़ीनाशक दवाई का उपयोग कर रहे हैं, तो उसके साथ फफूंद नाशक दवाओं जैसे प्रापिकोनाजोल, हैक्जोकनाजोल, या टेब्यूकोनाजोल का भी उपयोग करें. उन्होंने कहा कि जहां पर पोटरी नहीं खुली है, वहां सभी दवाओं का उपयोग जरूर करें.
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