एआई टूल्स के इस्तेमाल से कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी बढ़ रही है या वो परेशान हो रहे हैं. क्या कहते हैं ये सर्वे
चैटजीपीटी 2022 में चर्चा में आया था तो एक पीआर एजेंसी के फ़ाउंडर अनुराग गर्ग उसे अपने ऑफ़िस के कामकाज में मदद के लिए शामिल करने के बारे में काफी उत्साहित थे.गर्ग ने अपने कर्मचारियों को एआई टूल्स के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने एजेंसी के कामकाज सभी कर्मचारियों से एआई लैंग्वेज टूल का इस्तेमाल करने को कहा.
एआई टूल्स का इस्तेमाल करने पर अनुराग गर्ग कहते हैं, “इसमें बहुत सारे भटकाव थे. मुझे टीम ने बताया था कि इन टूल्स का इस्तेमाल करने के कारण काम में लगने वाला समय दोगुना हो गया है.”गर्ग ने कहा, “कंपनी में एआई टूल्स के उपयोग को बढ़ावा देने का मक़सद लोगों के काम को सरल बनाना था, लेकिन वास्तव में इसके कारण लोगों का काम बढ़ता जा रहा था.”
इनमें 96 फ़ीसदी का कहना था कि उन्हें उम्मीद है कि एआई टूल्स के इस्तेमाल से उनकी कंपनी की प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी. इनमें से 81 फ़ीसदी ने ये माना कि उन्होंने अपने कर्मचारियों से एआई का इस्तेमाल करने की गुजारिश की. सीवी राइंटिंग कंपनी रेज्यूमे नाउ के सर्वे में 43 फ़ीसदी लोगों ने माना कि इससे वर्कलाइफ़ संतुलन प्रभावित होता है.
लॉस एंजिलस में यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया में मैनेजमेंट प्रोफ़ेसर केसी होम्स ने इस स्टडी को लेकर एक टिप्पणी की. उनके पास मदद की उम्मीद में आने वाले कई लोगों की समस्या होती है कि एआई आधारित प्रोडक्टिविटी टूल्स के आने के बाद उनकी कंपनियां उनसे बहुत ज़्यादा प्रोडक्टिविटी की उम्मीद कर रही हैं.वह कहती हैं, “सबसे बड़ी बात यह है कि मैं देख रही हूं कि कम संसाधनों के साथ ज़्यादा काम करने की मांग लगातार की जा रही है, मगर कंपनियाँ इस बात को नज़रअंदाज़ कर रही हैं कि सिस्टम में वो जो तकनीक शामिल कर रही हैं, वो मददगार नहीं हैं.
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