क्रिप्टो बिल के लाने की चर्चा पिछले सत्र में हुई थी लेकिन इसे पेश नहीं किया जा सका था
माना जा रहा है कि इस बजट में क्रिप्टो बिल के बारे में बताया जा सकता है. हालांकि, एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है कि सरकार क्रिप्टो बिल पर अभी चर्चा करने से बच सकती है. इसको लेकर ये तर्क दिया जा रहा है इसको सही से लागू करने के लिए सरकार पहले इसको लेकर सबकुछ क्लियर कर देना चाहती है. अगर क्रिप्टो बिल इस सत्र में आता है कुछ बातों लेकर लोगों की उम्मीदें भी हैं. अभी तक क्रिप्टो अर्निंग पर टैक्स को लेकर कुछ साफ नहीं है. सरकार पहले ही कह चुकी है वो क्रिप्टोकरेंसी की पहचान करेगी.
क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ने का एक कारण ये भी है कि अब तक इसे रेगुलेट नहीं किया जा रहा था. इस बजट से क्रिप्टो रेगुलेशन को लेकर भी उम्मीद की जा रही है. माना जा रहा है कि एक रेगुलेटरी बॉडी इसको रेगुलेट कर सकती है. इससे दूसरे इनवेस्टर्स भी इसमें पैसे इनवेस्ट कर सकते हैं.Blockchain की वजह से मल्टीपल ट्रांजैक्शन को वेरिफाई करके ट्रैस किया जा सकता है. अगर सरकार इसको लेकर एडमिनिस्ट्रेटिव मॉडल बना लेती है तो टेक्नोलॉजी की मदद से ट्रांजैक्शन को सिक्योर किया जा सकता है.
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