CAA पर CM उद्धव एक बार फिर समर्थन में आए
मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार दिल्ली आए शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद नागरिकता संशोधन कानून पर केंद्र सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि इस कानून से किसी को डरने की जरूरत नहीं है. उद्धव का यह बयान महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल ला सकता है.
याद दिला दें कि पिछले साल लंबे संघर्ष और कड़ी मशक्कत के बाद महा विकास अघाड़ी की सरकार 28 नवंबर 2019 को अस्तित्व में आई जरुर लेकिन उद्धव ठाकरे की सरकार के शपथ लेने से पहले और उसके बाद कई मुद्दों में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के बीच मतभेद की स्थिति बनी रही.महाराष्ट्र में सरकार बने अभी 3 महीने भी पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन तीनों सहयोगी दलों में कई मुद्दों में आपसी टकराव दिख रहा है. आइए, नजर डालते हैं उन मुद्दों पर जहां इनके बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है.
कांग्रेस और एनसीपी एनपीआर का विरोध कर रही है. एनसीपी एनपीआर में आपत्तिजनक सवाल हटाना चाहती है जबकि शिवसेना की नजर में यह गलत नहीं है. कांग्रेस-एनसीपी के एतराज पर मुख्यमंत्री उद्धव का कहना है कि हर 10 साल में जनगणना होती है और एनपीआर इसका हिस्सा है. एनपीआर किसी को घर से बाहर निकालने के लिए नहीं है. यदि एनपीआर में खतरनाक पहलू सामने आते हैं तब वे इसे देखेंगे.उद्धव सरकार ने राज्य में 1 मई से एनपीआर प्रक्रिया को शुरू करने की तैयारी की है. जबकि कांग्रेस और एनसीपी एनपीआर के विरोध पर कायम हैं.
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