नागरिकता बिल पास होने की खुशी में हिन्दू शरणार्थियों का जश्न
खुशी भी ऐसी थी कि एक व्यक्ति ने अपनी हाल में जन्मी बच्ची का नाम ही नागरिकता रख दिया. दिल्ली के 'मजनूं का टीला' के पास पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आए करीब 140 परिवारों के 800 लोग रहते हैं.
बिस्किट और चिप्स की दुकान लगाने वाली एक शरणार्थी सरिता ने कहा कि पाकिस्तान एक दर्द की तरह है जिसे अपने माथे से मिटाना चाहती है. उस दर्द को याद करते हुए कहा कि उनके बच्चों को पढ़ने की सुविधा तक नहीं है क्योंकि उर्दू थोप देते हैं. उन्होंने आगे बताया कि उनके भाई की 3 बेटियां हैं लेकिन उसके भाई, जो पाकिस्तानी मुस्लिमों द्वारा जुलूस में ले जाया गया था, आज तक नहीं लौटा. उनकी बेटियां मेरे साथ हैं.
मजनूं का टीला के पास रह रहे पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों के चहरे खिले हुए हैं, तो वहीं पुराना दर्द भी है. नागरिकता बिल को लेकर लोगों में इस बात की जबरदस्त खुशी है कि उनके माथे से पाकिस्तान का नाम हट जाएगा और वो भी भारतीय कहलाएंगे.
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