चीन के AI DeepSeek ने दुनिया भर में खलबली मचा दी है. अमेरिका के प्रतिस्पर्धा को चुनौती देते हुए, DeepSeek की किफायती बनावट और तेज़ी से विकास ने दुनिया को प्रभावित किया है. इस बीच, भारत AI रेस में कहाँ है? Ola के Krutrim AI के मुकाबले, DeepSeek की लोकप्रियता और प्रभाव बेहतर दिखाई दे रहा है. क्या भारत AI रेस में कहीं पीछे है?
चीन ी AI DeepSeek ने दुनिया भर का ध्यान खींचा है. चीन के इस AI ने अमेरिकी कंपनियों के लिए चुनौती खड़ी कर दी. आलम ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक ने DeepSeek को लेकर अमेरिकी कंपनियों को 'जागने' के लिए कहा है. दरअसल, चीन के एक स्टार्टअप ने कुछ लाख डॉलर खर्च करके महज दो महीनों में इस AI को तैयार किया है. AdvertisementDeepSeek R1 की चर्चा की सबसे बड़ी वजह है इसका किफायती होना. कंपनी ने इसे कम रिसोर्सेस के साथ तैयार किया है, जो Meta और OpenAI के बॉट्स की टक्कर का है.
UPI जैसी सफलता चाहिएटेक्नोलॉजी वर्ल्ड पर नजर डालेंगे, तो पाएंगे कि मौजूदा वक्त में भारत ने UPI को छोड़कर कोई दूसरी ग्लोबल टेक्नोलॉजी तैयार नहीं की है. ना तो हमारे पास कोई स्थापित ग्लोबल स्मार्टफोन ब्रांड है, जैसे चीन के पास हैं. भारत में ज्यादातर बिकने वाले फोन्स चीनी कंपनियों के है, लेकिन हमारे पास अपना कोई पावरफुल ब्रांड नहीं है. यह भी पढ़ें: DeepSeek को चीन से ही मिलने लगा चैलेंज, अलीबाबा ने लॉन्च किया न्यू AI Modelना ही हमने गूगल या ऐपल की तरह कोई ग्लोबल टेक कंपनी तैयार की है.
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