Science News: पृथ्वी के वायुमंडल का कुल द्रव्यमान 5.1 बिलियन बिलियन किलोग्राम है. तो फिर हम लोग इसके वजन से दब क्यों नहीं जाते? आइए आपको इस अजीब सवाल का जवाब आसान भाषा में समझाते हैं.
Explainer: 5.1 बिलियन बिलियन किलो! इतना भारी है पृथ्वी का वायुमंडल, तो यह हम लोगों को कुचल क्यों नहीं देता?
most rice eatingBiggest Horror Film 7 साल पहले सच्ची घटना पर बनी इस हॉरर फिल्म ने दहला दिया था सबका दिल, कांप गई थी रूह; आज भी देखते हुए लगता है डरपृथ्वी की सतह और अंतरिक्ष के बीच दर्जनों मील दूर तक सिर्फ हवा मिलती है. पृथ्वी के वायुमंडल और बाहरी अंतरिक्ष के बीच की सीमा को 'कार्मन रेखा' कहते हैं. यह ग्रह की सतह से लगभग 62 मील ऊपर है. हालांकि, वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी के वायुमंडल का लगभग 99.9% द्रव्यमान 30 मील की ऊंचाई से नीचे स्थित है. हवा हमारे शरीर से हल्की होती है, लेकिन वायुमंडल में मौजूद सारी हवा बहुत भारी है.
वायुमंडल द्वारा हमारे शरीर पर समान रूप से डाला जाने वाला दबाव मामूली नहीं है. ब्रोकोली के मुताबिक, यह लगभग 14.7 पाउंड - एक बड़ी बॉलिंग बॉल के वजन के बराबर - प्रति वर्ग इंच होता है.हम हवा के इस दबाव से कुचले नहीं जाते क्योंकि हमारा शरीर समय के साथ ऐसे दबावों को झेलने के लिए विकसित हुआ है. ब्रोकोली ने कहा कि 'हमारे शरीर के अंदर की हवा अनिवार्य रूप से समान दबाव में बाहर की ओर धकेल रही है, जिससे दबाव बल संतुलित हो रहे हैं.
वेस्ट टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी में भौतिकी के एसोसिएट प्रोफेसर क्रिस्टोफर बेयर्ड द्वारा दिए गए वैक्यूम क्लीनर के उदाहरण से समझें. एक ब्लॉग पोस्ट में उन्होंने समझाया, 'अगर आप वैक्यूम क्लीनर के नोजल को अपने हाथ के खिलाफ़ दबाते हैं और यह आपकी त्वचा पर दबाव डालने वाली सारी हवा को चूस लेता है, तो आपके हाथ को जो बल महसूस होता है वह वैक्यूम नली के खिलाफ हवा के दबाव का भार है.'जैसे-जैसे आप ऊंचाई पर जाते हैं, वायुमंडलीय दबाव घटता जाता है.
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