यह लेख FMGE परीक्षा के बारे में विस्तार से बताता है, जो विदेश से MBBS करने वाले भारतीय छात्रों के लिए भारत में प्रैक्टिस करने के लिए आवश्यक है। इसमें परीक्षा का पैटर्न, आवेदन, और महत्वपूर्ण तथ्य शामिल हैं।
विदेश से MBBS की पढ़ाई करना भारत ीय छात्रों के बीच काफी ज्यादा लोकप्रिय है। हर साल हजारों भारत ीय छात्र चीन, यूक्रेन, उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान जैसे देशों में पढ़ने जाते हैं। इसकी मुख्य वजह ये है कि भारत में NEET UG परीक्षा देने के बाद मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन मिलता है। NEET परीक्षा के लिए हर साल 25 लाख स्टूडेंट्स परीक्षा देते हैं, लेकिन सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में सीटों की कमी की वजह से बहुत से छात्रों को दाखिला नहीं मिल पाता है।\सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में MBBS की लगभग एक
लाख सीटें हैं। सरकारी कॉलेजों में फीस किफायती होती है, लेकिन प्राइवेट संस्थानों में महंगी फीस की वजह से बहुत से छात्र विदेश का रुख करते हैं। दुनिया के कुछ देशों में मेडिकल की पढ़ाई का खर्च भारत के प्राइवेट कॉलेजों के मुकाबले काफी कम है। इस वजह से भारतीय छात्र विदेश में डॉक्टर बनने चले जाते हैं। हालांकि, लौटने पर भारत में प्रैक्टिस के लिए उन्हें एक परीक्षा भी देनी पड़ती है। आइए इसके बारे में जानते हैं। क्या है FMGE परीक्षा और क्यों जरूरी है?\विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करके लौटने वाले छात्रों को भारत में प्रैक्टिस के लिए 'फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम' (FMGE) देना पड़ता है। ये एक तरह का मेडिकल लाइसेंसिंग परीक्षा है। राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) के पास FMGE परीक्षा कराने की जिम्मेदारी है। ये मेडिकल लाइसेंसिंग परीक्षा उन सभी भारतीय नागरिकों या ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (OCI) के लिए अनिवार्य है, जिन्होंने भारत से बाहर MBBS की पढ़ाई की है और अब वे राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के जरिए प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस चाहते हैं। हालांकि, जिन भारतीय छात्रों ने ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका और न्यूजीलैंड से MBBS डिग्री हासिल की है, उन्हें इस परीक्षा में बैठने की जरूरत नहीं होती है। वे भारत में बिना किसी परीक्षा के मेडिकल प्रैक्टिस कर सकते हैं। राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) साल में दो बार परीक्षा करवाता है। ये परीक्षा जून और दिसंबर में होती हैं। FMGE परीक्षा के लिए पंजीकरण शुल्क 6100 रुपये है। ये परीक्षा 300 नंबर का होता है और इसमें 300 प्रश्न शामिल होते हैं। भारत के कुल मिलाकर 50 शहरों में FMGE परीक्षा करवाई जाती है
FMGE परीक्षा MBBS मेडिकल लाइसेंस भारत विदेश
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
रूस में जाकर करनी है MBBS की पढ़ाई, एडमिशन से पहले किन पांच बातों का रखना होगा ख्याल?Study MBBS in Russia: भारतीय छात्रों के बीच विदेश से MBBS करने का चलन बढ़ता जा रहा है। इसके पीछे की मुख्य वजह किफायती फीस है। भारत के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों से कम फीस में विदेश से MBBS किया जा सकता है। भारतीयों के बीच MBBS के लिए रूस काफी ज्यादा पॉपुलर देश...
और पढो »
जेईई मेन परीक्षा की शुरुआत, स्टूडेंट्स दे रहे रिएक्शनजेईई मेन परीक्षा के पहले सेशन की शुरुआत हो चुकी है। परीक्षा के बारे में छात्रों के रिएक्शन और आंसर-की जारी करने की जानकारी समाचार में दी गई है।
और पढो »
UP Board Exam हेल्प डेस्क: छात्रों को परीक्षा के दबाव से निपटने में मददउत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षाओं के लिए 24 फरवरी से शुरू होने वाले हेल्प डेस्क के साथ छात्रों को मनोवैज्ञानिक समस्याओं का समाधान मिलेगा।
और पढो »
विदेशी छात्रों की नोएडा के विश्वविद्यालयों में बढ़ती संख्यागौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय मामलों के निदेशक डॉ. अरविंद सिंह ने बताया कि विदेशी छात्रों की संख्या कई सालों से बढ़ रही है। उनके लिए यहां एक दर्जन से अधिक कोर्स चलाए जा रहे हैं। स्नातक और पीएचडी करने के लिए छात्र आते हैं। विदेशी छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नए सत्र से कई कोर्स शुरू होने वाले हैं। इसके साथ ही विश्वविद्यालय में नई बिल्डिंग का कार्य होना है। यीडा सिटी में हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट स्थापित होंगे। देश-विदेश के कई बड़े संस्थान यहां अपना कैंपस स्थापित करने वाले हैं।
और पढो »
44 लाख छात्रों के लिए बड़ी खबर, परीक्षा में इस गलती पर 2 साल के लिए होंगे बैनCBSE Board Exam 2025: 44 लाख छात्रों के लिए बड़ी खबर, बोर्ड परीक्षा में न करें ये गलती, 2 साल के लिए हो जाएंगे बैन
और पढो »
छात्रों के लिए अच्छी सैलरी के साथ काम करने वाले देशयह लेख उन देशों के बारे में जानकारी देता है जहाँ छात्र बिना वर्क वीजा के अच्छी सैलरी पर काम कर सकते हैं. ये देश छात्रों को स्टूडेंट वीजा पर पढ़ाई के साथ काम करने की अनुमति देते हैं.
और पढो »