GNSS Toll: सैटेलाइट आधारित टोल सिस्टम चरणबद्ध तरीके से होगा लागू, जानें कैसे कटेगा वाहन का टोल टैक्स
सैटेलाइट द्वारा ट्रैक की जाने वाली दूरी इस नई प्रणाली का सबसे खास बात यह है कि यह उपग्रह या उपग्रहों का समूह वाहनों की आवाजाही को ट्रैक करेगा और यात्रा की गई सटीक दूरी के आधार पर टोल या उपयोगकर्ता शुल्क की गणना करेगा। इसका मतलब है कि वाहनों को टोल बूथ पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से टोल काटने के लिए रुकना नहीं पड़ेगा, जैसा कि मौजूदा फास्टैग प्रणाली में होता है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में GNSS-OBU प्रणाली का इस्तेमाल करके टोल कलेक्शन की अनुमति देने के लिए राष्ट्रीय...
हर टोल कटौती पर उपयोगकर्ता को एक एसएमएस भेजा जाएगा। 'टोल चार्जर' NHAI द्वारा परिभाषित टोल मापदंडों जैसे कि संरचना के प्रकार, यानी बाईपास, एक्सप्रेसवे या फ्लाईओवर आदि के आधार पर उपयोगकर्ता शुल्क की गणना करेगा। डेडिकेटेड लेन शुरुआत में, मौजूदा टोल प्लाजा में डेडिकेटेड GNSS लेन होंगी, जिनमें आमतौर पर खुले गेट होंगे। ताकि GNSS-OBU लगे वाहनों को बिना रुके गुजरने दिया जा सके। इन लेन में ऐसे वाहनों को ट्रैक करने की एडवांस्ड टेक्नोलॉजी होगी, जिससे उन्हें बिना रुके गुजरने की अनुमति...
Gnss Toll System In Hindi Gnss Toll Satellite Toll Collection Satellite Toll System Satellite Toll Tax Gps Toll Tax Gps Toll System Gps Toll National Highways Automobiles News In Hindi Automobiles News In Hindi Automobiles Hindi News Gnss-आधारित टोल सिस्टम टोल टैक्स सैटेलाइट टोल सिस्टम इंडिया सैटेलाइट टोल टैक्स सैटेलाइट टोल कलेक्शन सैटेलाइट टोल सिस्टम जीपीएस टोल सिस्टम जीपीएस टोल टैक्स नेशनल हाईवे
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
FASTag: भारत में फास्टैग सिस्टम होगा खत्म! सरकार नए जमाने की टोल कलेक्शन तकनीक 'GNSS' करेगी लागूFASTag: भारत में फास्टैग सिस्टम होगा खत्म! सरकार नए जमाने की टोल कलेक्शन तकनीक 'GNSS' करेगी लागू
और पढो »
Toll Fee: इस राज्य में एक सितंबर से टोल शुल्क बढ़ने की है संभावना, जानें डिटेल्सToll Fee: इस राज्य में एक सितंबर से टोल शुल्क बढ़ने की है संभावना, जानें डिटेल्स
और पढो »
Toll Tax New Rule: सरकार लेकर आई नया नियम, अब 20 किलोमीटर के दायरे में नहीं लगेगा टोल टैक्सToll Tax New Rule: सरकार एक सिस्टम ले कर आई है जिसका नाम है GNSS यानि कि ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम,ये आपको टोल से बचा सकता है..अगर आपकी गाड़ी में ये सिस्टम लगा है और ये काम कर रहा है तो आपको रोजाना 20 किमी तक हाइवे या एक्सप्रेसवे पर चलने के लिए किसी तरह का टोल टैक्स नहीं देना होगा...
और पढो »
FASTag का खेल खत्म, आ गया सैटेलाइट टोल सिस्टम, नितिन गडकरी का बड़ा फैसला!टोल प्लाजा पर अब लंबी लाइनों की जरूरत नहीं होगी। सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम के जरिए कार की पहचान कर टोल कलेक्शन किया जाएगा। शुरुआत में फास्टैग और सैटेलाइट सिस्टम दोनों मिलेंगे, लेकिन धीरे-धीरे पूरा सिस्टम सैटेलाइट पर ट्रांसफर हो जाएगा। सड़क परिवहन मंत्रालय ने नेशनल हाईवे फीस नियम, 2008 को संशोधित किया...
और पढो »
GPS Toll System: क्या है नया सिस्टम? यहां जानिए अपने सभी सवालों के जवाबअब टोल कलेक्शन के लिए नया सिस्टम आ गया है, जिसका नाम ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) है. GPS या सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम नाम से भी ये चर्चित है. अब आपके FASTag का क्या होगा?
और पढो »
नितिन गडकरी के एक फैसले से बदला टोल सिस्टम, जानें कैसे काम करता है सैटेलाइट बेस्ड GNSSGPS टोल या सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम का नाम तो आपने सुना होगा। अब ये नया सिस्टम आ चुका है और इसके काम करने को लेकर लोगों को मन में बहुत सारे सवाल हैं। आज हम आपको इन्हीं सभी सवालों के जवाब देने वाले हैं जो आपको पूरी सिस्टम समझने में मदद करने वाली है।
और पढो »